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अधर में लटक गया है बिहार में दूसरे AIIMS निर्माण,केन्द्र- राज्य सरकार में नहीं है तालमेल

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अधर में लटक गया है बिहार में दूसरे AIIMS निर्माण,केन्द्र- राज्य सरकार में नहीं है तालमेल

सिटी पोस्ट लाइव : दरभंगा एम्स सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा दरभंगा लोक सभा चुनाव में बन गया है. इस दरभंगा AIIMS को बनाने का फैसला तीन साल पहले लिया गया था. पटना में AIIMS बनने के बाद दूसरा AIIMS  दरभंगा में बनाने की घोषणा 3 साल पहले ही की गई थी. लेकिन आजतक काम शुरू नहीं हो पाया है. दरभंगा के सांसद  कीर्ति आजाद इसके लिए केंद्र और बिहार सरकार को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. कीर्ति झा आजाद का कहना है कि एक शाजिस के तहत दरभंगा AIIMS को बनने नहीं दिया गया. केंद्र और बिहार के अधिकारियों के सवाल-जवाब के बीच पूरी योजना पर कीर्ति आजाद प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं.

दरअसल, 2015-16 के केन्द्रीय बजट में बिहार में दूसरा AIIMS खोलने का निर्णय लिया गया था. बिहार ने केन्द्र को जगह तलाशने की जिम्मेदारी दी, लेकिन सेंट्रल गवर्नेंट ने बिहार सरकार को खुद जगह बताने की बात कही.इसके बाद नीतीश सरकार ने दरभंगा के DMCH को AIIMS बनाने का निर्णय लिया. लेकिन केन्द्र की सरकार  की टेक्निकल टीम ने DMCH का मुआयना करने के बाद AIIMS के मानक को पूरा करने लायक नहीं माना और एक हफ्ते पहले ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया .

केन्द्रीय टीम ने इसके लिए कई तर्क रखे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके लिए चिट्ठी लिखकर कारण भी बताए. इनमें DMCH को एम्स के तौर पर विकसित करना इसलिए मुश्किल है कि यह निचले इलाके में स्थित है. यहां बाढ़ और बरसात के समय परेशानी बढ़ जाएगी. वहीं DMCH की अधिकतर बिल्डिंग हेरिटेज होने के कारण इसे तोड़कर हटाना मुश्किल है. साथ ही कैंपस के बीच से गुजरता है पब्लिक रोड, एक हिस्सा रेलवे लाइन के पार है.

डीएमसीएच कैंपस में अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि उसे हटाने में ही बहुत समय लग जाएगा.  यहां की करीब-करीब सभी ब्लॉक एम्स के मानक के अनुरूप नहीं हैं.  ऐसे में इन्हें तोड़कर नए सिरे से बनाना होगा, जो आसान नहीं है.हॉस्पिटल, हॉस्टल, बैंक, पोस्ट ऑफिस और पुलिस पोस्ट सबको शिफ्ट करना भी कठिन है. यहां के डॉक्टर्स और स्टाफ को भी शिफ्ट करना मुश्किल है. इन कमियों को पूरा करने में बहुत वक्त लगेगा.

बहरहाल केन्द्र सरकार के DMCH में एम्स निर्माण को खारिज किए जाने के बाद राज्य सरकार पशोपेस में है. हालांकि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने फिर से दरभंगा में सुविधएं बढ़ाने का आश्वसन दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केन्द्र सरकार के उठाए गए सवालों का हल तलाश करने की कोशिश कर रही है.उधर केन्द्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने भी बिहार में दूसरा एम्स खोलने की प्रतिबद्धता जताई है. DMCH में एम्स की योजना खटाई में पड़ने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ वादे करना जानती है, वादों को पूरा करना बीजेपी नहीं जानती.

वहीं सीमांचल के इलाके में एम्स खोलने के लिए आंदोलन शुरू हो गए हैं. सहरसा में तो इसके लिए पिछले कई दिनों से लोग धरने पर बैठे हैं. उनका तर्क है कि इस इलाके से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए दिल्ली जाते हैं, इसलिए इसी इलाके में AIIMS बनाना जरूरी है.सहरसा में तो लोगों ने इसके लिए सांकेतिक भूमि पूजन कर सीएम नीतीश कुमार से एम्स बनाने का आग्रह किया है. एम्स संघर्ष समिति के सदस्य गौतम कृष्णा ने कहा कि नीतीश कुमार से आग्रह करते हैं कि सीमांचल के लोगों का दर्द सुनें और यहां आकर विधिवत भूमि पूजन कर लोगों के परेशानियों को खत्म करें.बिहार में दूसरा एम्स कब और कहां बनेगा इसकी तस्वीर अभी भी साफ नहीं हो पाई है. 11 करोड़ लोगों के सूबे में दूसरे एम्स का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

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