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1984 के दंगो में दोषी करार दिये गये कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार, मिली उम्रकैद की सजा

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1984 के दंगो में दोषी करार दिये गये कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार, मिली उम्रकैद की सजा

सिटी पोस्ट लाइवः एक तरफ राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की आज ताजपोशी हुई तो दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए ताजपोशी की खुशी थोड़ी फीकी रही क्योंकि आज हीं दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगो के लिए दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनायी। दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनायी। कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दंगा भड़काने और साजिश रचने के मामले में दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर 2018 को सरेंडर करना है। कोर्ट ने हत्या के मामले में सज्जन को बरी कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे सियासी हमले भी झेलने पड़ सकते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘1947 की गर्मियों में बंटवारे के वक्त कई लोगों की हत्या की गई थी। 37 साल बाद दिल्ली में ऐसी ही घटना घटी। आरोपी राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर सुनवाई से बच निकले।’ जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने यह फैसला सुनाया।आपको बता दें कि पूरे 34 साल के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा हुई है जबकि इससे पहले उन्हें बरी कर दिया गया था। दरअसल, सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

बता दें अब सज्जन कुमार के पास एक ही विकल्प बचता है की वो देश के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जिससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
आपको बता दें कि 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में 34 साल बाद दंगा पीड़ितों को आज इंसाफ मिला है। मिडिया रिपोर्टस के मुताबिक सज्जन कुमार को सजा सुनाते समय हाईकोर्ट के जज रो पड़े थे। इसके अलावा दोषियों के वकील भी कोर्ट में फैसला सुनने के बाद रो पड़े। सज्जन कुमार को सजा सुनाते समय हाईकोर्ट ने कहा कि कई दशक से लोग न्याय का इंतजार कर रहे थे
और उन्होंने सीबीआई की नाकामी को ठहराते हुए कहा कि ये जाँच एजेंसी की नाकामी है कि अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ था।

दिल्ली से आशुतोष झा और आर्य चतुर्वेदी की रिपोर्ट

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