सफल रहा है कांग्रेस का ‘पी’ वाला प्रयोग-‘बिहार में राजद मानने लगी मजबूत पार्टी है कांग्रेस’
सिटी पोस्ट लाइवः कांग्रेस का ‘पी’ वाला प्रयोग सफल रहा है। ‘पी’ यानि प्रियंका गांधी वाला कांग्रेस का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रयोग। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं की डिमांड को पूरी करते हुए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की राजनीति में आॅफिसियल एंट्री करा दी। प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव बनायी गयी लेकिन इफेक्ट बिहार में भी दिख रहा है। जोशो-खरोश से लबरेज बिहार कांग्रेसी भी मानने लगे हैं कि राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री से बहुत कुछ बदला है। बिहार में राजनीतिक रूप से हाशिए पर चली गयी और लंबे वक्त तक सहयोगियों पर निर्भर रहने वाली बिहार कांग्रेस ने अचानक गियर बदल लिया और एक सुर में बोलने लगी हम पिछलग्गु नहीं हैं फ्रंट फुट पर खेलेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पटना आए तो कांग्रेस की आकांक्षा रैली में बोलकर गये कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलती रही है और आगे खेलेगी भी। इसे प्रियंका इम्पैक्ट बताया जा रहा है। कभी सहयोगी कांग्रेस को खास भाव नहीं देने वाली राजद भी मानने लगी है कि कांग्रेस मजबूत पार्टी है और बिहार में भी उसकी मजबूती को राजद स्वीकार कर रही है तभी तो महागठबंधन में सीटों की हिस्सेदारी में कांग्रेस ने अपने लिए जो हिस्सा मांगा है उसमें बहुत कटौती की खबर नहीं है। पूरी उम्मीद है और कयास भी हैं कि कांग्रेस को उसकी वाजिब हिस्सेदारी दे दी जाएगी भले हीं दूसरे सहयोगियों के हिस्से से कुछ काटना हीं क्यों न पड़े।
प्रियंका गांधी के आने से बिहार कांग्रेस में यह बदलाव नजर आने लगा है कि सहयोगी पूरा सम्मान दे रहे हैं वर्ना कांग्रेस के बारे में तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार यह खुलासा कर चुके हैं कि जब महागठबंधन 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहा था जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल थे तब राजद कांग्रेस को बहुत कम सीटें देना चाहती थी और नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस को एक वाजिब हिस्सेदारी मिली थी तो जाहिर है जो राजद कांग्रेस को कम आंकती थी अब उसकी मजबूती स्वीकार रही है कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी को लाने का शुरूआती फायदा तो इसे कहा हीं जा सकता है।
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