लालू की किताब पर बोले सीएम नीतीश-‘हम काहे भेजेंगे पीके को लालू के पास, वे सबसे बात करते हैं’
सिटी पोस्ट लाइवः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की किताब गोपालगंज टू रायसीना माई पॉलिटिकल जर्नी में यह खुलासा किया गया है कि सीएम नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन छोड़ा और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनायी इसके छह महीने के बाद हीं वे महागठबंधन में दुबारा एंट्री चाहते थे इसलिए वे दूत बनाकर प्रशांत किशोर को लालू यादव के पास भेजा करते थे और इसको लेकर लालू से कई बार प्रशांत किशोर ने मुलाकात की थी।
लालू के इस खुलासे पर बिहार की राजनीति खूब गरमाती रही है। प्रशांत किशोर ने इस ख्ुलासे पर जब अपनी प्रतिक्रिया दी तो इसे झूठ का पुलिंदा कह दिया था। अब सीएम नीतीश कुमार ने इस खुलासे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने आज मतदान के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सब जानते हैं किन हालातों में मैने महागठबंधन को छोड़ा। तेजस्वी यादव पर जो आरोप लगे थे मैंने उन आरोपों पर उनकी सफाई मांगी थी लेकिन वे नहीं दे सके। मैंने कांग्रेस को भी कहा कि आप सफाई दिलवाएं लेकिन वे भी नहीं दिलवा सके इसलिए अचानक बिहार के हित में एक नया राजनीतिक गठबंधन बीजेपी के साथ बना। नीतीश कुमार ने कहा कि मैं क्यों प्रशांत किशोर को लालू यादव के पास भेजूंगा उनके अपने संबंध दूसरे दलों के कई नेताओं से भी हैं।
सीएम ने कहा कि 2015 के चुनाव में प्रशांत किशोर जेडीयू के साथ थे। प्रशांत किशोर से मेरा व्यक्तिगत स्नेह रहा है। उनके बारे में मुझे जानकारी मिली कि वे बिहार के हैं और प्रतिभावान हैं तो उनसे हमारी बातचीत मुलाकात हुई। सितम्बर 2018 में उन्होंने जेडीयू ज्वाईन की और तब से पॉलिटिकल एक्टीविस्ट की भूमिका में है। प्रशांत किशोर के संबंध सभी लोगों से हैं और अखबार में जब यह बात आयी तो मैंने प्रशांत किशोर से पूछा था। पीके इस मामले पर सफाई दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि लालू के बारे में भी मैंने पहले कहा था कि लालू जेल से बातचीत करते रहते हैं हाल में एक आडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वे परिवार में मचे कलह को लेकर किसी से बातचीत कर रहे थे।
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