सिटी पोस्ट लाइव : जाति आधारित जनगणना के मसले पर बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्खियां बढ़ती ही चली जा रही हैं। इस मसले पर अब एक बाऱ फिर बिहार की एनडीए सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। सीएम नीतीश कुमार की मांग बीजेपी ने ठुकरा दी है। उनके तेवर ठीक नहीं दिख रहे हैं। इस मसले पर अपमान का घूंट पीकर सीएम के सामने दो ही रास्ते हैं या तो वे खुद बिहार में जाति आधारित जनगणना करवाएं या फिर बीजेपी से नाता तोड़ दें। इस बीच अब चिराग पासवान की पार्टी ने हमला बोलते हुए कह दिया है कि सीएम नीतीश बीजेपी से अलग होने का बहाना खोज रहे हैं।
बिहार के विशेष राज्य के दर्जे पर आज बिहार सरकार के उर्जा मंत्री बिजेन्द्र य़ादव का बड़ा बयान आया कि नीतीश सरकार अब केन्द्र सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग नहीं करेगी। अब वे मांग करते-करते थक चुके हैं। इस बीच जाति आधारित जनगणना पर भी बवाल मचा है।ऐसे में इस मामले पर चिराग पासवान के गुट वाली एलजेपी ने सीएम को अपने बयान के जरिए न सिर्फ घेरने की कोशिश की है। उनके उपर बड़ा कटाक्ष किया है।
एलजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी कृष्ण सिंह कल्लू ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने का बहाना खोज रहे हैं। इन्हें तो चिराग पासवान बहुत पहले पहचान चुके हैं। बिहार की जनता नीतीश कुमार को बेहतर तरीके से पहचान जाए इसी लड़ाई को वे लड़ रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि पासवान ने पहले ही कह दिया था कि नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने का अक्सर कोई न कोई बहाना बनाते रहते हैं। राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले नीतीश कुमार को चिराग पासवान से सीखने की जरूरत है। नीतीश कुमार कभी भी किसी राजनीतिक गठबंधन में एक वफादार सहयोगी की तरह नहीं रह पाए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा वो अपने सहयोगियों को धोखा देने के आदी रहे हैं। सीएम अब पॉलिटिकल सुसाइड की ओर बढ़ रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था यह मेरा आखिरी चुनाव है और वाकई में इनका राजनीतिक अंत निश्चित है।
कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह जाति आधारित जनगणना नहीं कराएगी तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्हें किसी भी तरह के राजनीतिक नाटक से परहेज करना चाहिए था। राज्य सरकार को अपने खर्चे पर बिहार में जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए।
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