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70 साल के हुए CM नीतीश, जानिये कैसे बने बिहार की सियासत के ‘हीरो’.

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सिटी पोस्ट लाइव :सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले सीएम नीतीश कुमार आज 70 साल के हो गए हैं. 1 मार्च 1951 को पटना जिला के बख्तियारपुर (Bakhtiarpur) में जन्मे ‘मुन्ना’ जिसे आज देश और दुनिया नीतीश कुमार के नाम से जानती है. नीतीश ने स्कूली पढ़ाई बख्तियारपुर से पूरी करने के बाद साइंस कॉलेज से पढ़ाई की और इसके बाद पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री ली. इसके बाद 1974 के आंदोलन में सक्रिय हो गए और राजनीति में कदम रखा.

 छात्र राजनीति में आने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 में विधानसभा चुनाव हरनौत से लड़ा, लेकिन वो हार गए. इसके बाद 1980 में एक बार फिर हरनौत से उन्‍हें शिकस्त मिली, लेकिन नीतीश कुमार ने हिम्मत नहीं हारी. आखिरकार 1985 में हरनौत से नीतीश कुमार शानदार जीत हासिल की और विधायक बने, इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1989 में तब के मजबूत नेता माने जाने वाले राम लखन सिंह यादव को बाढ़ से हराकर लोकसभा चुनाव जीता और पांच बार सांसद बने.

कविराज राम लखन सिंह और माता परमेश्वरी देवी के पुत्र मुन्ना यानी नीतीश कुमार की पेशे से शिक्षिका मंजू कुमारी सिन्हा से शादी हुई. उनसे एक पुत्र निशांत है, जो इंजीनियर है. हालांकि मंजू सिन्हा का निधन हो चुका है. 2005 में नीतीश कुमार की अगुवाई में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जब एनडीए को शानदार जीत मिली थी, तब से वह कुछ महीने छोड़कर अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं. इसके अलावा नीतीश कुमार ने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रेल और कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालते हुए अपने काम का लोहा मनवाया है.

उनकी लंबी राजनीतिक पारी से लेकर व्यक्तित्व की चर्चा आज भी न सिर्फ उनके सहयोगी, बल्कि विरोधी तक करते हैं. उन्होंने अपने शासन काल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए .स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की. पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया. नीतीश कुमार के इस कदम से महिलाओं के आत्म विश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.महिला पुलिस में सिपाही भर्ती में 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला जिसकी वजह से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिला बल्कि महिलाओं का आत्मविश्वास भी खूब बढ़ा है.

स्पीड ट्रायल: अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए स्पीड ट्रायल की शुरुआत की. नीतीश कुमार का ये वो फैसला था जिसकी चर्चा आज भी होती है. विरोधी इस फैसले पर सवाल उठाते हैं, बावजूद इसके शराबबंदी ने बिहार के गांव से लेकर शहर की तस्वीर बदलने में बड़ा योगदान किया है. पर्यावरण को बचाने के लिए नीतीश कुमार ने जल-जीवन और हरियाली योजना की शुरुवात की.उनके  इस फैसले की सराहना देश और दुनिया में हुई है. इस फैसले से पर्यावरण को काफी फायदा मिल रहा है और जंगल भी बढ़ रहे हैं.

सात निश्चय: हर घर जल, कल नल योजना को चला कर नीतीश कुमार ने गांव की शक्ल सूरत बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है.बाल विवाह, दहेज प्रथा और बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करना अनिवार्य बनाना, जैसे फैसले से भी बिहार में बदलाव का कारण बने हैं.देश में पहली बार किसी राज्य ने सवर्ण आयोग का गठन किया. महादलित समुदाय के किसी शख़्स से 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने के फैसलने भी नीतीश कुमार को चर्चा दिलाई है.कृषि रोडमैप लाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है, जिसकी वजह से बिहार में कृषि में काफी बदलाव आया है.

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