सिटीपोस्टलाईव: बिहार में कोई मायूसी है क्या ? रात में पहले कोई निकलता था क्या ? ये सवाल बिहार की जनता से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. सोमवार को पटना के ज्ञान भवन में उपस्थित लोगों से उन्होंने ये सवाल पूछे.उन्होंने आगे खुद ही जबाब भी दे दिया.अब तो रात के 10 बजे भी पटना की सड़कों पर पूरा परिवार घूमता हुआ दिख जाता है.
सीएम ने पूछा -बिहार में कोई मायूसी है क्या ? रात में पहले कोई निकलता था क्या ? फिर खुद ही इस सवाल का जबाब भी दे दिया .पटना सभ्यता द्वार का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट अशोक कंवेंशन सेंटर में जल्द ही फुड कोर्ट, दो रेस्टोरेंट और 10 कियोस्क चालू होगा. उन्होंने बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड की स्थापना दिवस का जिक्र करते हुए उसके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विशिष्ट भवनों के निर्माण के साथ ही उनका मेंटेनेंस ठीक ढंग से हो, यह भी सुनिश्चित किया गया है. उन्होंने भवन निर्माण विभाग के सचिव को सम्राट अशोक कंवेंशन सेंटर में क्राउड मैनेजमेंट पर ध्यान देने का निर्देश दिया.
भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने राज्य में 22 घंटे बिजली रहने का जिक्र करते हुए बाल-बच्चे की तरह नीतीश जी बिहार के लोगों का ख्याल रखते हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सभ्यता द्वार के लोकार्पण समारोह में कहा कि यह प्राचीन बिहार के गौरवशाली इतिहास की झांकी है. भारत को एकीकृत करने वाले चंद्रगुप्त, सम्राट अशोक, भगवान बुद्ध और चीनी यात्री मेगास्थनीज के संदेशों से युक्त यह सभ्यता द्वार प्राचीन बिहार की गौरव गाथा का बयान करेगा. मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, दिल्ली का इंडिया गेट और फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजा की शृंखला में यह सभ्यता द्वार भी है, जो लोगों को बिहार के प्राचीन गौरवशाली पाटलिपुत्र का अहसास दिलाएगा. आने वाली नस्लें वर्षों-वर्षों तक याद रखेंगी कि कोई ऐसी सरकार भी थी जिसने ऐसा काम किया. ले.ज. एसके सिन्हा ने सभ्यता द्वार बनाने का सबसे पहले सुझाव दिया था.
मोदी ने कहा कि किसी राज्य के विकास का पैमाना कानून व्यवस्था की स्थिति, अच्छी सड़कें और बिजली ही नहीं, अच्छे और दर्शनीय भवन भी है. आज भी लोग बिहार आकर गोलघर देखते हैं. 30-40 वर्षों में सिर्फ बिस्कोमान भवन ही आईकोनिक भवन के रूप में बना, पर 12 वर्षों में बिहार में अनेक आईकोनिक भवन बने हैं. इनमें राजगीर का कन्वेंशन सेंटर, बिहार म्यूजियम, अरण्य भवन, गांधी मैदान में बापू की विशाल मूर्ति, बापू सभागार, विधानसभा का विस्तारित भवन शामिल हैं. ढाई हजार साल पहले मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में पाटलिपुत्र को भारत का सबसे बड़ा और पुराना नगर बताया था.
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