गठबंधन में कॉम्प्रोमाइज जरुरी, चाहता हूं उपेन्द्र कुशवाहा NDA का हिस्सा बने रहें : चिराग
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार एनडीए में 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां 50-50 सीट बंटवारे के बाद जदयू खुश है. वही उपेन्द्र कुशवाहा और रामविलास पासवान की पार्टी में खलबली अब भी मची हुई है. हालांकि इन दोनों पार्टियों में सबसे ज्यादा उछल कूद उपेन्द्र की रालोसपा मचाये हुई है. रोज-रोज अपने बयानों से बीजेपी और जेडीयू को आगाह करने में लगी है. वहीं एलजेपी खामोश है. हालांकि पशुपति पारस भी कईबार कह चुके हैं कि अपनी जीती हुई सीटें वो छोड़ने को तैयार नहीं हैं. लेकिन उनके तेवर उपेन्द्र कुशवाहा की तरह तल्ख़ नहीं हैं.वो शालीनता के साथ दबाव बनाए हुए हैं जबकि उपेन्द्र कुशवाहा लगातार ये संकेत दे रहे हैं कि अगर उन्हें मनमाफिक सीटें नहीं मिलेगीं तो वो अपनी राह बदल सकते हैं.
वही आज लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए में सीटों को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. सीटों को लेकर भाजपा से लगातार बातचीत चल रही है. हमने जितनी सीटों की मांग की है उसपर सकारात्मक जबाव मिला है. हालांकि चिराग ने सीटों को लेकर कहा कि कई बार गठबंधन में हमें कॉम्प्रोमाइज करना होता है. लेकिन हमने बीजेपी से सम्मानजनक सीटों की मांग की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू बड़ी पार्टी है, इस लिहाज से पहले से ही यह तय था कि दोनों बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जबकि बाकी बची सीटें लोजपा और रालोसपा को दी जायेंगी. जिसपर किसी तरह का विवाद उत्पन्न नहीं होना चाहिए. क्योंकि किसे कितनी सीटें मिलेंगी ये आकंडा अबतक साफ़ नहीं हुआ है. जिसे मिलजुलकर और बैठकर सुलझाना होगा. वही उपेन्द्र कुशवाहा के बयानों पर चिराग ने कहा कि मुझे पता नहीं वो ऐसा क्यों कर रहे हैं, उनके बयानों पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. लेकिन मैं चाहूँगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा वे बनें रहे.
गौरतलब है कि एलजेपी सुप्रीमों रामविलास पासवान ने शुक्रवार को एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि ये काम जल्द ही हल कर लिया जाएगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीट शेंयरिंग का मामला उनके बेटे चिराग और पार्टी नेता पशुपति पारस देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों की बीजेपी से इस बारे में बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ये मुद्दा सुलझा लिया जाएगा और सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा और पासवान की वजह से ही एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है. 2019 चुनाव के सीटों का बंटवारे को लेकर एनडीए में पेंच फंसा हुआ है.
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