कोरोना से लड़ने की बिहार सरकार की तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं चिराग पासवान
लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार पर बरसे, दे दिया 15 दिनों का सरकार को को अल्टीमेटम?
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना का संक्रमण बिहार में तेज रफ़्तार से बढ़ रहा है. राज्य सरकार ने संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी हैं. कोरोना के ईलाज को लेकर अस्पतालों में विशेष तैयारी भी की जा रही है. लेकिन एलजेपी के सांसद चिराग पासवान सरकार की तैयारियों से संतुष्ट नहीं हैं. अपने संसदीय क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे chirag पासवान जमुई जिले में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था देखकर बेहद नाराज हैं.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सांसद चिराग पासवान अपने संसदीय क्षेत्र जमुई पहुंचे हैं. उन्होंने सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया. अस्पताल में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखकर चिराग बिफर पड़े. इस दौरान सिविल सर्जन सांसद के सवालों पर मौन साधे रहे. सांसद ने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दे डाला.
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने इस दौरान इमरजेंसी वार्ड, कोविड शिशु वार्ड, मरीज भर्ती वार्ड आदि का मुआयना किया. जमुई के सांसद ने बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई के बारे में भी जानकारी ली. इस दौरान सदर अस्पताल में व्यवस्थागत खामी पाए जाने पर चिराग काफी नाराज हो गए. उन्होंने सदर अस्पताल प्रबंधन और जिला स्वास्थ्य विभाग को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए व्यवस्थाओं में सुधार करने का निर्देश दिया.सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान स्थानीय सांसद चिराग पासवान ने कहा कि सरकार सभी लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सेवा को लेकर संसाधन मुहैया करा रही है. इसके बावजूद मरीज के बेड पर चादर न होना और वार्ड में ताला लगा होना कतई न्यायसंगत नहीं है.
चिराग पासवान ने कहा कि यह स्थिति पूरे बिहार की बताते हुए कहा कि तभी तो मुख्यमंत्री एक छोटा सा ऑपरेशन कराने दिल्ली चले जाते हैं. चिराग ने कहा कि प्रदेश में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का प्रमाण मुजफ्फरपुर में मिल चुका है. वहां कई लोगों की आंखों की रोशनी सदा के लिए चली गई. बाएं की जगह दाएं आंख की सर्जरी कर दी गई. जमुई सांसद ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. इस दौरान कई लोगों ने सदर अस्पताल में डॉक्टरों के न आने और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. लोगों ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है. शिशु कोविड वार्ड में ताला लटके होने और बेड पर चादर तक न होने की शिकायत पर चिराग बिफर गए और स्वास्थ्यकर्मियों को कड़ी फटकार लगाई.
सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान गंदगी और व्यवस्था में कमी देख भड़के सांसद ने सिविल सर्जन और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी में कमियां ही कमियां पाई गईं. सदर अस्पताल में कहीं बेड पर चादर नहीं तो कहीं गंदगी का अंबार लगा था. सदर अस्पताल की दुर्दशा को देख सांसद से स्वास्थ्य पदाधिकारियों को पत्र लिखने की भी चेतावनी दी और सारी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने की हिदायत दी. इस दौरान सांसद के सवालों पर सिविल सर्जन मौन रहे.
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