सिटी पोस्ट लाइव : पार्टी में जारी बगावत के बीच पहली बार आज चिराग पासवान (Chiarg Paswan) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक ट्वीट कर पशुपति पारस को लिखे कुछ पुराने पत्र साझा किए. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए मैंने प्रयास किए लेकिन असफल रहा. पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए. लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है. आगे उन्होंने लिखा कि पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं.
अपने ट्वीट के साथ ही साझा किए गए पत्र वे हैं जो चिराग ने पशुपति पारस को 29 मार्च को लिखे थे.
इन पत्रों में चिराग ने पारस को लिखा है कि रामचंद्र पासवान के निधन के बाद से ही आप में बदलाव देखने को मिला. पापा की तेरहवीं में भी 25 लाख रुपये मां को देने पड़े इससे मैं दुखी था. चिराग ने एक पत्र में लिखा है कि मैंने हमेशा भाइयों को साथ लेकर चलने की कोशिश की. पापा के जाने के बाद आपने बात करना बंद कर दिया. चिराग ने एक पत्र में आरोप लगाया है कि पापा के रहते हुए भी आपने पार्टी तोड़ने का प्रयास किया. वहीं प्रिंस राज पर रेप के मामले का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि प्रिंस पर आरोप के दौरान भी मैं परिवार के साथ खड़ा रहा.
लोजपा के भीतर मचे घमासान के बीच चिराग खेमा पार्टी और पावर बचाने की जद्दोजहद में जुट गया है. चिराग पासवान के दिल्ली स्थित आवास पर सोमवार की देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा जो मंगलवार को भी चल रहा है. इस बैठक में चिराग पासवान सहित पार्टी के कई नेता मौजूद हैं. बिहार से भी पार्टी के कुछ नेता सोमवार को दिल्ली रवाना हुए थे, वो भी इस बैठक में मौजूद थे. पार्टी में टूट के बाद अब एलजेपी का क्या होगा, इसे लेकर बैठक में पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं से राय ली गई. साथ ही यह भी जानने की कोशिश हुई कि आखिर पार्टी को कैसे बचाया जाए?
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