सिटी पोस्ट लाइव : बिहार इनदिनों दो आफत एकसाथ झेल रहा है. पहला कोरोना और दूसरा बाढ़, जिसके कारण लाखों परिवार हर साल बेघर हो जाते हैं. उन्हें जीने के लिए सडकों पर आना पड़ता है. वो चाहे हाईवे हो या रेलवे की पटरी. उन्हें जहां भी सुविधा सुखी जमीन मिलती है. अपना डेरा डाल देते हैं. वे वहीं तकलीफों के साथ बाढ़ के पानी उतरने तक कष्ट सहते हैं और लौट जाते हैं. उनकी जिन्दगी मानों घुमंतू भोटीये की तरह हो जाती है. जो हर साल इस स्थान से उस स्थान घूमते रहते हैं. सरकारी सुविधा के नाम पर चुडा और गुड मिलता है. और आशियाने के नाम पर प्लास्टिक का त्रिपाल. वैसे इस साल भी बाढ़ ने तबाही शुरू कर दी है. कई गांव में पानी भर गया है. लोग निचले इलाकों से उपरी इलाकों में जाने को मजबूर हैं. न खाने को रोटी है न सोने को बिस्तर.
ऐसे मौकों पर पक्ष विपक्ष को कोसती है तो विपक्ष बेहद आक्रमक तरीके से सत्ताधारी पार्टी पर हमलावर रहती है. वो अलग है कि इससे न बाढ़ पीड़ितों की मदद हो पाती है और न पक्ष विपक्ष का नुक्सान. वैसे बता दें इस साल चुनावी साल है. ऐसे में विपक्ष पूरी एक्टिव दिखाई दे रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रिय जनता दल लगातार लोगों के बीच जा रही है. कोरोना काल में लॉकडाउन के बावजूद वे अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यही वजह है कि आज वे गरीबों को पूरी सब्जी खिलते नजर आए.
तेजस्वी यादव आज दरभंगा पहुंचे जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के बीच पूरी सब्जी बांटी. खुद अपने हाथों से उनके थालियों में परोसा और जमकर हमला बोला. उन्होंने तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सभी अपने घरों में दुबके बैठे है। लोग कोरोना और बाढ़ से त्रस्त है। लोग कोरोना ही नहीं भूख से भी मर रहे है। तेजस्वी जी ग़रीबों के बीच दुःख-दर्द बाँटने पहुँचे। वहीं पार्टी ने ट्वीट में लिखा कि लाखों लाख लोग हर साल बाढ़ से विस्थापित होते हैं, अपनी जमापूंजी गंवाते हैं, जान माल मवेशी से हाथ धो बैठते हैं! राहत के नाम पर घोटाला होता है! राजद सत्ता में आई तो बाढ़ के स्थायी हल का उपाय होगा! इसके साथ ही तेजस्वी ने मधुबनी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नाव से दौरा किया.
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