सिटी पोस्ट लाइव : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा बिहार में सरकार बनाने के लिए राजद को आमंत्रित किये जाने के बयान को बच्चों सी हरकत बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक के फैसलों को जिस ढंग से माखौल उड़ा रहे हैं, वह अत्यंत ही शर्मनाक है। कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है, वह संविधान के दायरे में है और देश में पहले भी ऐसा हुआ है। ऐसे में उसपर सवाल खड़ा करना और राज्यपाल के फैसले और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण पर रोक से इंकार के बाद भी विपक्ष के नेता हाय-तौबा मचा रहे हैं। बिहार के विपक्ष के नेता भी हाय-तौबा में शामिल होकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लग गये।
पटेल ने कहा कि बिहार में जहां लोकतांत्रिक तरीके से विधानसभा के पटल पर विश्वासमत हासिल कर बनी हुई सरकार है और बिना किसी संवैधानिक विध्न के चल रही है, तेजस्वी के द्वारा राजद की सरकार बनाने की मांग करना भी माखौल उड़ाना है। यह माखौल तेजस्वी ने बिहार की जनता के साथ-साथ राज्यपाल और सदन का भी उड़ाया है। न सिर्फ बिहार के बल्कि कर्नाटक के राज्यपाल को भी अपने माखौल में शामिल कर संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करते-करते विपक्षी दलें इतने नीचे स्तर पर गिर गयी हैं कि उन्हें न तो संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के मर्यादा की फिक्र है, न ही सर्वोच्च संवैधानिक संस्थाओं की। जनता के फैसलों और जनमत का माखौल उड़ाने की तो कांग्रेस की वर्षों पुरानी परंपरा रही है। हार कर भी सत्ता से बेदखल होना कांग्रेसियों के लिए कष्टकारी हो जाता है। यही वजह है कि सत्ता का भोग करने के लिए हर तिकड़म करने से बाज नहीं आते। विपक्ष में बैठे क्षेत्रीय दल भी ऐसी परिस्थिति का फायदा उठाकर संविधान और लोकतंत्र का माखौल उड़ाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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