करोना संकट के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार : जीतन राम मांझी
सिटी पोस्ट लाइव : हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने करोना संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मांझी ने देश को करोना संकट में डालने का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठहराया है। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से पूर्व ही इस बीमारी की जानकारी हो गई थी, परंतु हमारे देश के प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में लगे हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके स्वागत का इनाम धमकी से मिला है। इस गलती के लिए मोदी जी को देश से माफी मांगनी चाहिए। अगर वह समय रहते कारगर कदम उठा लिए होते तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पांडेय के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह भी कहा कि अमेरिकी प्रधानमंत्री के द्वारा दिया गया धमकी दुर्भाग्यपूर्ण है, और देश को उनके धमकी में नहीं आना चाहिए। हमारे लिए सर्वप्रथम हमारे देश के नागरिक की सुरक्षा अहम है। उन्होंने प्रधानमंत्री के फैसले पर उंगली उठाते हुए कहा कि पूरे देश के लिए दवा का स्टॉक रखने के बाद ही दूसरे लोगों को दवा देने की बात होनी चाहिए। परंतु 56 इंच सीना दिखाने वाले प्रधानमंत्री अमेरिका की एक ही गीदड़ भभकी में डर कर अपने देश की जनता को संकट में डालते हुए दवा देने को तैयार हो गए।
जो ऐसा नहीं होना चाहिए साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की व्यवस्था सराहनीय है। परंतु सरकारी तंत्र का कार्य गुजारी संतोषप्रद नहीं है। इस विपदा के घड़ी में भी सरकारी तंत्र के द्वारा कार्य में लापरवाही बरतना अफसोस जनक है। एक तरफ जहां मानवता संकट में है। सरकार उसके लिए अन्य तरह की व्यवस्थाएं कर रही है। वहीं उस व्यवस्था को लागू करने में सरकारी तंत्र विफल साबित हो रहा है। आज भी राज्य के मात्र 20% लोगों तक ही सरकारी सेवा पहुंच पा रही है। 80% लोग अभी भी वंचित हैं। जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा अधिक दामों सामग्री का बिक्री करने की शिकायत लगातार मिल रही है।
इस पर सख्ती की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य सराहनीय है। रात दिन मेहनत करके मानवता को बचाने में लगे हैं। परंतु अन्य सरकारी तंत्र के द्वारा सरकारी सेवा का दुरुपयोग करना अफसोस जनक है। उन्होंने बिहार सरकार से यह मांग भी की है कि कुछ सीमित एरिया को छोड़ कर के जहां पर करोणा का प्रभाव नहीं है। उस एरिया के लिए खोल दिया जाना चाहिए। क्योंकि आज भी महादलित, पिछड़ा, अल्पसंख्याक, मजदूर एवं किसान वर्ग के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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