छह विधायकों के भाजपा में विलय का फैसला न्यायिक प्रक्रिया की जीत : भाजपा
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: प्रदेश भारतीय जनता पार्टी झारखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रो. दिनेश उरांव द्वारा दल-बदल मामले में दिये गए निर्णय का स्वागत करती है। बुधवार को यह बयान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने दिया। उन्होंने कहा स्पीकर के न्यायाधिकरण ने दोनों पक्षों के साक्ष्यों, गवाहों के बयानों तथा उपस्थापित तथ्यों के आधार पर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए फैसला सुनाया है। यह फैसला न्याय और न्यायिक प्रक्रिया की जीत है। हालांकि स्पीकर के फैसले के बाद झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के वकील आरएन सहाय ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे। ज्ञात हो कि झाकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर चुनाव जीत कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये छह विधायकों को बुधवार को विधान सभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण ने दलबदल के आरोप से मुक्त कर दिया और भाजपा में उनके विलय को मान्य करार दिया। विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में करीब चार वर्षों तक छह विधायकों के दल बदल का मामला चला। पिछले साल 12 दिसम्बर को विधान सभा अध्यक्ष ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये फैसला सुरक्षित रखा था। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल बदल मामले में बुधवार को खुली इजलास में फैसला सुनाते हुए झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व विधायक दल के नेता प्रदीप यादव की छह विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया। जिन विधायकों पर दल बदल का मामला चला। उनमें दो मंत्री अमर कुमार बाउरी और रणधीर सिंह सहित नवीन जयसवाल, जानकी यादव, गणेश गंझु और आलोक चौरसिया हैं। वर्ष 2015 से शुरु हुई सुनवाई में 70 से ज्यादा लोगों की गवाही हुई। इस मामले में वादी-प्रतिवादी की ओर से 86 गवाहों की सूची दी गयी थी। इनमें से कई लोग गवाही देने नहीं पहुंचे जबकि स्पीकर ने कई गवाहों को निरस्त किया। मामले में आरोपी छह विधायकों सहित बाबूलाल मरांडी एवं प्रदीप यादव की भी गवाही हुई थी।
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