NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के बाद भाजपा खामोश, डॉ. प्रेम कुमार ने कहा-खबर नहीं थी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा में आज कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में भाजपा ने कभी सोंचा नहीं था. सीएम नीतीश कुमार लगातार ये कह रहे थे कि बिहार में NRC लागू नहीं होगा. मतलब कि केंद्र कैबिनेट बैठक कर इसपर मुहर भी लगा देती है और दोनों सदनों में पास भी करवा लेती है तो भी बिहार में ये लागू नहीं होगा. अब इस पर नीतीश कुमार ने मुहर भी लगा दी है. दरअसल आज बिहार विधानसभा में सर्व सम्मति से NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया गया है. इस बात की भनक शायद भाजपा को पहले नहीं थी. यही कारण है कि सीएम नीतीश के लिए इस फैसले से बीजेपी हक्की बक्की रह गई.
इस प्रस्ताव के पास होने से बीजेपी को बड़ा झटका भी लगा है. क्योंकि बीजेपी के कई दिग्गज इसे बिहार में लागू करवाने की वकालत करते रहे हैं. ऐसे में जब नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया तो बीजेपी के पास सोंचने का वक्त ही नहीं मिला. जब इस बारे में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. हालांकि उनके पास बोलने के लिए कोई शब्द ही नहीं थे. वहीँ बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर पर प्रस्ताव लाए जाने की जानकारी पहले से नहीं थी. अचानक से प्रस्ताव लाया गया है.
बता दें प्रस्ताव लाने से पहले नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा था कि बिहार में एनआरसी का कोई मतलब ही नहीं. नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि एनआरसी बिहार में लागू नहीं होगा. इसलिए NRC पर हंगामा करने का कोई मतलब ही नहीं है. वहीँ सीएम नीतीश ने नागरिकता संशोधन कानून का खुल्लम खुल्ला का समर्थन करते हुए कहा कि ये कानून तीन देशों की अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए है. उन्होंने कहा कि ये केंद्र का कानून है और ये सही है या गलत, ये सुप्रीम कोर्ट तय करेगा.
वहीं सीएम ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने एनपीआर को लेकर जो असहमति है उसके संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है. सीएम नीतीश ने सदन में बताया कि पत्र में लिखा गया है कि 2020 के प्रपत्र को लागू करने में कठिनाई हो सकती है. हमने साफ तौर पर कहा है कि 2010 के फॉर्मेट पर ही एनपीआर लागू होना चाहिए क्योंकि 2020 का जो फॉर्मेट है उसे लागू करने में दिक्कत है. उन्होंने कहा कि कुछ चीजें ऐसी है जो जरुरी नहीं है. इससे लोगों में भ्रम फ़ैल रहा है.
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