बिहार के एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर BJP फेरबदल की तैयारी में, कई सांसद होगें पैदल
सिटी पोस्ट लाइव : अंग्रेजी अख़बार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी बिहार में अपनी जीती हुई 22 में से 10 लोकसभा सीटों पर हेर-फेर करेगी. इनमे से कई सीटें सहयोगी दलों के खाते में जा सकती हैं वहीं कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदले जा सकते हैं. दरअसल, पार्टी सभी सीटों का आकलन कर रही है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों के रिव्यू की जिम्मेदारी मिली है. इस दौरान वे BJP और अन्य NDA सहयोगियों की जमीन पर वास्तविक स्थिति का आकलन कर रहे हैं. भूपेन्द्र इनमें 17 लोकसभा सीटों का रिव्यू पहले कर चुके हैं, आगे 25 और 26 अक्टूबर को बाकी बची हुई 20 लोकसभा सीटों का रिव्यू करेंगे.उनके अभीतक के फीडबैक के आधार पर ही पार्टी आलाकमान ने 10 सीटों पर हेरफेर का फैसला लिया है.
सूत्रों के अनुसार कई सांसदों का टिकट कटेगा और कईयों की सीट NDA के दूसरे सहयोगियों को दी जा सकती है. साथ ही कई सांसदों के सीटों की अदला-बदला भी की जाएगी, ताकि एनडीए की जीत की संभावना ज्यादा से ज्यादा बधाई जा सके. बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव की रिपोर्ट के आधार बेगूसराय, दरभंगा, गोपालगंज, मधुबनी, पटना साहिब, सासाराम, सीवान और उजियारपुर लोक सभा सीट में हेरफेर तय है. बक्सर, गोपालगंज, पटना साहिब, सासाराम और सीवान लोकसभा क्षेत्रों का यादव पहले ही रिव्यू कर चुके हैं. भूपेन्द्र यादव ने बिहार में बीते 13 अक्टूबर तक तीन अलग-अलग बैठकों के बाद पार्टी के सीनियर नेताओं को यह फीडबैक दिया है.
25 अक्टूबर को भूपेन्द्र यादव लखीसराय में अगला रिव्यू मीटिंग करेंगे. इसमें भागलपुर, जमुई, मुंगेर और बांका लोकसभा सीटों पर विचार किया जाएगा. इसी दिन दोपहर को बरौनी में समस्तीपुर, उजियारपुर, खगड़िया और बेगूसराय का रिव्यू होगा. साथ ही शाम में मुजफ्फरपुर में रिव्यू मीटिंग होगी. जिस दौरान वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और दरभंगा लोकसभा सीटों पर विचार होगा.
इसके बाद 26 अक्टूबर को सुपौल में पहली मीटिंग होगी, जिसमें सुपौल, मधेपुरा और झंझारपुर सीटों पर बात होगी. इसके बाद किशनगंज में पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया लोकसभा सीटों का रिव्यू किया जाएगा. दरअसल, बीजेपी अब जल्द से जल्द 2019 लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों की समीक्षा कर लेना चाहती है. अपनी जमीनी स्थिति का आकलन कर सके और सीटों को तय कर NDA सहयोगियों के लिए जगह छोड़ी जा सके.
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