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नौकरशाही से परेशान हैं BJP के नेता, नीतीश मिश्रा 23 फरवरी से देगें धरना.

पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा- विधायकों की नहीं सुनते अफसर, अफसरशाही के खिलाफ देंगे धरना.

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सिटी पोस्ट लाइव : विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के नेता भी अफसरशाही की मनमानी से परेशान हैं. सत्तारूढ़ दल के विधायक ,पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा अधिकारियों की मनमानी से इतने परेशान हैं कि उन्होंने अब धरना देने का फैसला लिया है.गौरतलब है कि नीतीश मिश्र कोई आम विधायक नहीं हैं.वो नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. पूर्व CM जग्ननाथ मिश्रा के बेटे हैं और बीजेपी के एक गंभीर स्वभाव वाले प्रतिष्ठित नेता हैं. नीतीश मिश्रा के अनुसार उन्होंने अपने क्षेत्र की एक समस्या को लेकर मुख्य सचिव से लेकर DM तक को पत्र लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

मधुबनी DM को लिखे पत्र में झंझारपुर से विधायक ने कहा है, ‘रेलवे स्टेशन क्षेत्र में 2016 के बाद आमान परिवर्तन कार्य से आए बदलाव की वजह से जल जमाव होता है. अभी तक इसका स्थायी निदान नहीं हो सका है. मेरे प्रयास से 26 जुलाई 2019 को झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय में DM की अध्यक्षता में जल-जमाव के निदान के लिए रेलवे के साथ बैठक हुई थी. मीटिंग में निर्णय के अनुसार, रेलवे पदाधिकारियों ने दिसंबर 2020 में कार्य पूर्ण कर दिया है.शेष कार्य स्थानीय प्रशासन को काम कराना था, लेकिन प्रशासन ने अपने जिम्मे का काम नहीं किया.झंझारपुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में जल-जमाव जैसी गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए हमने मुख्य सचिव बिहार और मधुबनी DM को भी पत्र दिया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की.

नीतीश मिश्रा की चिंता ये है कि अगले चार महीने बाद बरसात का मौसम आ जाएगा. झंझारपुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अनेक व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय, बैंक और बड़ी आबादी है.उन्होंने कहा कि जल-जमाव जैसी गंभीर समस्या और आमजन को हो रहे कष्ट को देखते हुए 23 फरवरी 2022 को झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय परिसर में धरने पर बैठने का उन्होंने फैसला लिया है.

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