सिटी पोस्ट लाइव:बिहार के लिए निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक आवास की आवश्यकता है :- नीतीश कुमार. नीतीश कुमार ने आज ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवासों की स्वीकृति व राशि विमुक्ति के विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के पन्द्रह लाभार्थियों को प्रथम किस्त अंतरित राशि के साथ बैंक पासबुक तथा आवास योजना से संबंधित एक-एक पुस्तिका प्रदान की. 5 लाभार्थियों को पूर्ण किए गये आवासों के प्रतीक स्वरूप चाभी मुख्यमंत्री ने भेंट की. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अरविंद कुमार चैधरी ने मुख्यमंत्री को सिक्की आर्ट पर आधारित कलाकृति भेंटकर उनका अभिनंदन भी किया. इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पर आधारित वृत्तचित्र के अतिरिक्त बिहार की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अनुमोदित किए गये आवास की 7 डिजाईन पर आधारित वृत्तचित्र की प्रस्तुति मुख्यमंत्री के समक्ष की गयी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार एवं ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों की मुश्तैदी के कारण ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की ग्रामीण अंचल तक सक्रिय एवं सशक्त रूप से शुरुआत हुई और काम में गति आई. उन्होंने कहा कि 1985-86 में क्लस्टर के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना के तहत जो मकान सामूहिक रूप से बने हैं, अब उनकी स्थित जीर्ण-शीर्ण हो गयी है, केंद्र सरकार को इस पर भी गौर करते हुए ऐसे परिवारों को नई योजना से जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए. सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना के आधार पर इस योजना के लाभुकों की सूची बनाई गयी है लेकिन इसके अलावा भी जो गरीब परिवार छूट गये हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामकृपाल यादव ने आज इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने संबोधन में यह बताया कि केंद्र सरकार ऐसे परिवारों को योजना से जोड़ने पर विचार कर रही है.
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए जो भी जरूरतमंद गरीब परिवार हैं, उनकी सूची बनाकर केंद्र सरकार को 30 सितंबर के पहले सौंपा जाय. इसके साथ ही साथ आवास निर्माण कार्य भी शुरू किया जाए. यदि केंद्र सरकार इसे मंजूर नहीं भी करती है तो 60ः40 का जो अनुपात है, उसमें 60 प्रतिशत धनराशि भी राज्य सरकार अपने खजाने से वहन करेगी. उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत जो 20 लाख अधूरे मकान थे, उसमें से 10 लाख मकान के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि शेष मकानों के निर्माण का काम भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत बिहार के लिए जो भी 11 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उससे कही अधिक आवास बनाने की यहाँ आवश्यकता है. आपको बता दें कि अब तक 8 लाख 70 हजार लाभार्थियों का निबंधन हो चुका है, इसमें से 7 लाख 55 हजार आवासों की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी है. 26 जुलाई 2018 तक 6 लाख 61 हजार लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि जबकि 3 लाख 10 हजार लाभुकों को द्वितीय किस्त की राशि भी सीधे उनके बैंक खाते में विमुक्त कर दिया गया है, इसमें 50 हजार लाभुकों के आवास निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और काम त्वरित एवं पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वीकृति के 4 माह के अंदर आवास निर्माण का काम पूर्ण करने एवं गड़बड़ी को रोकने के मकसद से इस काम में लगे पंचायत स्तर पर ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक, प्रखंड स्तर पर लेखा सहायक और कार्यपालक सहायक के साथ ही योजना के लाभुकों को प्रोत्साहन राशि मुहैया कराने की भी योजना बनायी गयी है.
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