सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के विभिन्न कार्यालयों में काम कर रहे 5 लाख से अधिक अनुबंधकर्मी के लिए एक बहुत बड़ी कहबर है. नीतीश सरकार उन्हें एक बड़ा तोहफा लोक सभा चुनाव के पहले देने जा रही है. सभी कॉन्ट्रैक्टकर्मियों के साथ राज्य सरकार स्थायी समझौता उन्हें स्थायी कर्मचारियों की तरह 60 साल तक नौकरी करने का मौका देगी . रिपोर्ट लागू होने पर हरेक साल कॉन्ट्रैक्ट बढ़वाने का झंझट नहीं रहेगा और साथ ही कॉन्ट्रैक्टकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं भी मिलेंगी. जानकारी के मुताबिक एक परीक्षा पास करने वाले सभी कॉन्ट्रैक्टकर्मियों से 60 साल का करार किया जाएगा.
कॉन्ट्रैक्टकर्मियों की सेवा स्थायी करने के लिए पूर्व सचिव अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में गठित हाईलेवल कमेटी की रिपोर्ट में ये सिफारिश की गई है.रिपोर्ट के मुताबिक कॉन्ट्रैक्टकर्मियों को नियत वेतन में बेसिक सैलरी और एआरए समेत तमाम भत्तों का उल्लेख होगा जो उनको दिया जाना है. रिपोर्ट में दैनिककर्मियों को भी सरकारी सेवकों की तरह सभी लाभ और सुविधाएं देने की सिफारिश की गई है. कॉन्ट्रैक्टकर्मियों को हटाने की वही प्रक्रिया होगी जो स्थायी कर्मचारियों के लिए निर्धारित है. उम्मीद है कि कमेटी 15 अगस्त से पहले सीएम नीतीश कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.
अशोक कुमार चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में 60 साल की उम्र तक नौकरी पक्की करने, कॉन्ट्रैक्ट को हर साल रिनुअल कराने की झंझट से मुक्ति देने, बेसिक सैलरी के हिसाब से मंहगाई भत्ता देने,स्थायी कर्मचारियों की तरह मेडिकल सुविधाएं देने, ईपीएफ खाते में पैसे जमा करने, स्थायी कर्मचारियों की तरह कॉन्ट्रैक्टकर्मियों को भी छुट्टी और अवकाश का लाभ देने की सिफारिश की है. इसके अलावा उन्हें कैजुअल लीव और अर्न लीव की सुविधा देने, महिलाओं को प्रेग्नेंसी के लिए पांच महीने की छुट्टी देने की अनुशंसा की है.
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