जनता की गाढ़ी कमाई से मिट्टी-गिट्टी घोटाले में लगी है बिहार सरकार : अरूण कुमार
न्यायालय के संज्ञान में मिट्टी घोटाले की हो सीबीआई जांच
जनता की गाढ़ी कमाई से मिट्टी-गिट्टी घोटाले में लगी है बिहार सरकार : अरूण कुमार
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार नव निर्माण मंच के नेताओं ने बिहार सरकार पर जनता की गाढ़ी कमाई से अर्जित सरकारी खजाने से मिट्टी-गिट्टी घोटाले का आरोप लगाया है। मंच की ओर से पूर्व सांसद अरूण कुमार, बिहार सरकार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, अनिल कुमार, विजय कुशवाहा, राघवेंद्र कुशवाहा ने संयुक्त रूप से पटना में संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विश्वास में लेकर विभागीय मंत्रियों के इशारे पर बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से गरीब जनता की गाढ़ी कमाई से अर्जित सरकारी धन की लूट मची हुई है। देश में मिट्टी-गिट्टी की चोरी का इतना बड़ा उदाहरण कभी देखने को नहीं मिला। इसलिए यह भ्रष्ट और मिट्टी चोर सरकार है। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस घोटाले की जांच न्यायालय के संज्ञान में सीबीआई से हो।
उन्होंने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि केवल सिंचाई विभाग में तत्कालीन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने अरबों रुपए का घोटाला किया है। इन नेताओं ने इसी विभाग की सिर्फ एक योजना ‘बागमती नदी के दक्षिणी तट के लगभग 90 किलोमीटर में उन्नयीकरण और मजबूतीकरण कार्य में 300 करोड़ पर के बंदरबांट का आरोप लगाते हुए उसका कागजी प्रमाण पेश किया। अरूण कुमार ने बताया कि हमारे सामने जब इस घोटाले का कागज आया तो हम आश्चर्यचकित रह गए। एक गरीब राज्य में जनता के गाढ़ी टैक्स के पैसे का इतना बड़ा लूट नीतीश कुमार करवा रहे हैं। यह मुझे विश्वास नहीं हुआ। लेकिन ऑफिसियल पेपर में एसबीडी के माध्यम से हमें पता चला, नियमों का उल्लंघन कर चड्डा एंड चड्डा को टेंडर दिलाने की जुगत की गई। क्योंकि चड्डा एंड चड्डा कंपनी ब्लैक लिस्टेड है, इसलिए हैदराबाद की एक कंपनी BSCPL Infrastructure Private Limited के साथ करार किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि बड़े कार्यो में संवेदक का चयन टू बीट सिस्टम यानी टेक्निकल बिड और फाइनेंसियल बिड के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने सरकार पर दोनों बिडों का उल्लंघन कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि संवेदक को उनकी तकनीकी दक्षता एवं अनुभव को प्राथमिकता नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा बागमती नदी में लगभग 3 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी का कार्य दिखाया गया है, जबकी हकीकत में वहां सिर्फ 2 करोड़ क्यूबिक मीटर का ही कार्य हुआ है। उस समय विभाग के मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (वर्तमान में लोकसभा सांसद) थे। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सारी बातें माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान एवं सहमति से हुई है। बिहार की भोली जनता जनता इस तरह के कुकृत्य को कभी माफ नहीं करेगी।
वहीं, पूर्व मंत्री रेणु कुशवाह ने कहा कि 15 सालों में लगभग 3 लाख करोड़ से ऊपर का कार्य निर्माण के क्षेत्र में हुआ है। जानबूझ कर टेंडर ऐसे रखे गए कि इन कार्यों हेतु टेंडर स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर को न मिल सके। यह बिहार के ठेकेदारों के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने कई तरह से जनता के पैसों का बंदरबांट किया है। सरकार ने बड़े पैमाने पर इस्टीमेट घोटला किया है, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उजागर करने वाले ही थे कि नीतीश ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। उसके बाद कागजों को नष्ट किया जाने लगा। बहुत कठिनाई से कुछ कागज हाथ लगे तथा आगे और भी प्रयास जारी है। आने वाले दिनों में हम और भी सबूत व दस्तावेजों के साथ जनता के सामने बिहार सरकार के करानामों का खुलासा करेंगे।
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