City Post Live
NEWS 24x7

विशेष : शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बिहार कांग्रेस में तनातनी बढ़ी, ‘शाटगन’ कितना होगा असरदार

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

विशेष : शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बिहार कांग्रेस में तनातनी बढ़ी, ‘शाटगन’ कितना होगा असरदार

सिटी पोस्ट लाइव : पटना साहिब से बीजेपी के लगातार दो बार सांसद रहे शत्रुघ्न सिन्हा इसबार कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब से उम्मीदवार हैं। उनकी पूरी मंसा एक बार फिर संसद पहुंचने की है। कायस्थ बहुल इस संसदीय क्षेत्र से उनके सामने एनडीए के बीजेपी से केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, उन्हें जोरदार टक्कर देंगे। बतौर नामचीन फिल्म अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा के “कह देना, छेनू आया था” और खामोश डायलॉग को आज भी लोग याद रखे हुए हैं। कांग्रेस ने इन्हें पार्टी में एंट्री कराते ही पटना साहिब से टिकट थमा दिया। लेकिन बिहार कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से आहत है और भीतर-भीतर ही उबल रहा है। 21 अप्रैल को पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शत्रुघ्न सिन्हा का ना केवल जमकर विरोध किया बल्कि जूतम-पैजार की स्थिति पैदा कर दी थी।

किसी तरह शत्रुघ्न सिन्हा वहाँ से निकलने में कामयाब हुए थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी पत्नी पूनम सिन्हा को सपा में शामिल कराकर उन्हें प्रत्याशी भी बनवा दिया है ।यूपी में जिस कांग्रेस का इस लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा से छत्तीस का आंकड़ा है, उसके गठबंधन में शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पत्नी की एंट्री करवाकर चुनाव लड़वा रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा पत्नी प्रेम में चुनाव प्रचार के लिए भी यूपी पहुंच गए थे। इस बात का भी खासा विरोध हुआ ।हांलांकि शत्रुघ्न सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान की सहमति लेकर ही वे अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार में गए थे ।

शत्रुघ्न सिन्हा की इस मोनोपोली से बिहार कांग्रेस सहित देश स्तर के कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नाराज हैं ।यूपी में कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरी हुई है ।इधर बिहार में तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को महागठबन्धन का केवल किट संभालने के लिए दिया है ।बिहार में 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस पूरी तरह से बैकफुट पर है ।बिहार के कद्दावर कांग्रेसी लीडर शकील अहमद ने पार्टी को तौबा कह दिया है ।ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा के चाल और चरित्र को लेकर बिहार कांग्रेस सकते में है ।जाहिर तौर पर 2009 में परिसीमन के बाद पाटलिपुत्र को काटकर पटना साहिब बने लोकसभा सीट कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है ।

इस सीट को फिर से अपने पाले में लेने के लिए बीजेपी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी ।साफ-सुथड़ी छवि वाले रवि शंकर प्रसाद इस संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्यासी हैं ।इस लोकसभा सीट पर सबसे अंतिम यानि सातवें चरण में 19 मई को मतदान होने हैं ।लेकिन अभी से जो तस्वीर बन रही है,उससे लग रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा बिहार कांग्रेस के नेताओं के षड्यंत्र के भी शिकार हो सकते हैं ।कांग्रेसी उन्हें लालू का एजेंट कहकर बुलाते हैं ।ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा को बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ सामंजस्य बिठाने के साथ-साथ कदमताल करने की जरूरत है।

अभी चुनाव में समय है। शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेसियों के दिल जीतने की औषधि तलाशने की जरूरत है ।पटना साहिब का अपना मिजाज है ।शत्रुघ्न सिन्हा के लिए डगर आसान नहीं है ।चुनाव में उन्हें बहुत पसीने बहाने होंगे ।अब जनता फिल्मी डायलॉग सुनकर मत दे देगी,यह बेहद मुश्किल है ।जनता अब यह सुनना चाहती है कि “छेनू चुनाव प्रचार में है” ।कुलमिलाकर इसबार के चुनाव में लालू प्रेम शत्रुघ्न सिन्हा की राह को बेहद कठिन बना सकती है ।वैसे मुकाबला कांटे का होगा ।चूंकि बीजेपी ने दो बार लगातार यहाँ से जीत दर्ज की है,तो उस लिहाज से हम रवि शंकर प्रसाद की दावेदारी को फिलवक्त मजबूत मान रहे हैं ।

पीटीएन न्यूज मीडिया के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “चुनाव विश्लेषण”

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.