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बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने संभाला प्रभार, कार्यकारी अध्यक्षों ने भी संभाली कमान

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बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने संभाला प्रभार, कार्यकारी अध्यक्षों ने भी संभाली कमान

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा फेरबदल किया है. राहुल गांधी ने सवर्ण समाज को साधने के लिए  बिहार में कांग्रेस की कमान एक ब्राहमण समाज से आनेवाले वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य डॉ. मदन मोहन झा के हाथों में सौंपी है. वैसे अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे अखिलेश सिंह और प्रेमचंद मिश्र थे. लेकिन बाजी मार ली मदन मोहन झा ने. आज विधिवत रूप से कांग्रेस के नए रणनीतिकारों की पार्टी दफ्तर में ताजपोशी हुई.

आज से मदन मोहन झा बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाल लिया. आज ही उनके साथ चुनाव प्रचार कमिटी के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह समेत चारों नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष अपना पदभार ग्रहण किया.. कांग्रेस प्रवक्ता सरोज तिवारी के अनुसार नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा व चुनाव प्रचार समिति के नवनियुक्त चेयरमैन अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष क्रमश: कौकब कादरी, अशोक राम, समीर कुमार सिंह और श्याम सुंदर उर्फ धीरज भी आज पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण समारोह सदाकत आश्रम में आयोजित हुआ.बिहार के तमाम कांग्रेसी विधायक व वर्किंग कमिटी के मेंबर्स भी कार्यक्रम में शामिल हुए. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह भी मौजूद थे.सदानंद सिंह ने कहा कि इसबार पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि एक मजबूत टीम तैयार हुई है.

गौरतलब है कि सीटों के बटवारे से लेकर चुनाव लड़ाने की अहम् जिम्मेवारी प्रदेश अध्यक्ष की होती है. प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पुराने कांग्रेसी हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत उन्होंने की थी. आगे चलकर वो  बिहार प्रदेश युवक कांग्रेस के महासचिव और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी बने. अध्यक्ष बनने के साथ ही उन्होंने सीटों के बटवारे को लेकर सख्त तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सम्मानजनक समझौता करेगी. ये पूछे जाने पर कि कहीं आरजेडी ने पीछलीबार की तरह 3 सिट का ऑफर दे दिया तो क्या करेगें, झा ने कहा कि उसका हश्र क्या हुआ सबने देखा. इसबार आरजेडी वो गलती नहीं दुहरायेगा.

सूत्रों के अनुसार इसबार कांग्रेस पार्टी 12 सीटें मांग रही है. ईन 12 सीटों के लिए उसने दूसरे दलों से मजबूत उम्मीदवार का जुगाड़ भी कर लिया है. एनडीए से नाराज सांसदों को कांग्रेस के साथ लाने की मुहीम में शरद यादव जुटे हुए हैं. सोनिया गांधी ने शरद यादव को यह महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है. लेकिन आरजेडी की समस्या ये है कि उसके सहयोगी दलों की मांग 56 सीटों की है जबकि बिहार में केवल 40 सीटें ही हैं. ऐसे में वह सहयोगी दलों को कितनी सीटें देगी और खुद कितने सीटों पर लडेगी, तय कर पाना उसके लिए मुश्किल हो रहा है.

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