कांग्रेस के पोस्टर से गायब हुए महागठबंधन के दूसरे नेता, राहुल गांधी की रैली से पहले बड़ा संकेत
सिटी पोस्ट लाइवः महागठबंधन में सबकुछ ठीक होता नजर नहीं आ रहा। सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनी है। सीटों की संख्या और सीटें तय नहीं है। खरमास के बाद मामला सुलझाने का दावा था मगर क्या पेचिदगियां इतनी है कि हल नहीं निकल पा रहा। उधर बिहार कांग्रेस के एक पोस्टर पर भी राजनीति गरमा गयी है। 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली होने वाली है। इस रैली के लेकर तमाम कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। पटना को पोस्टरों से पाट दिया गया है लेकिन दिलचस्प यह कि इन पोस्टरों और बैनरो से महागठबंधन के दूसरे दलों के नेताओं की तस्वीर नदारद है। लालू-तेजस्वी, जीतनराम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी सब इस पोस्टर-बैनर से गायब हैं। सवाल यह कि क्या कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है या फिर राहुल गांधी की रैली के सहारे बिहार कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है और उसी अनुरूप सीटों की संख्या को लेकर राजद पर दबाव बनाना चाहती है।
बिहार कांग्रेस के कद्दावर नेता और बिहार में कांग्रेस के चुनावी अभियान की कमान संभाल रहे अखिलेश सिंह ने कहा कि हम अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। लंबे वक्त से बिहार में कांग्रेस की कोई रैली नहीं हुई है इसलिए इस रैली का आयोजन किया गया है। जब रैली का समय नजदीक आएगा तो महागठबंधन के सहयोगियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। साफ है कांग्रेस राहुल गांधी की रैली को महागठबंधन का मंच नहीं बल्कि खालिस कांग्रेस का मंच और कांग्रेस की रैली बनाये रखना चाहती है। अगर सियासत की थोड़ी बहुत भी समझ रखते हों तो यह समझा जा सकता है कि बिहार की राजनीति में बहुत कुछ दिलचस्प होने के संकेत मिल रहे हैं।
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