मजहब-जाति के आधार पर बांटने वाले नेताओं को भारत रत्न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : पप्पू यादव
26 जनवरी और 15 अगस्त के खर्च का हो ऑडिट, SC में फाइल करेंगे पीआईएल
मजहब-जाति के आधार पर बांटने वाले नेताओं को भारत रत्न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : पप्पू यादव
सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक व मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि अगर बिहार में एनडीए को हराना है,तो लालू राजद को महागठबंधन में आगे आने की जरूरत है। ताकि महागठबंधन परिपक्व हो और एनडीए के खिलाफ मजबूती से लड़ा जा सके। उन्होंने अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि फैमली प्राइवेट लिमिटेड से ऊपर उठकर लालू राजद को आगे आने की जरूरत है। आज देश भर में बिहार ही ऐसा स्टेट है, जहां एनडीए मजबूत हो रहा है और इसकी वजह है लालू राजद के बिना वाला अपरिपक्व गठबंधन।
पप्पू यादव ने कांग्रेस को देश की सबसे बड़ी पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा का प्रभाव आज सिर्फ हिंदी भाषी क्षेत्रों में है, जबकि कांग्रेस एक स्वाभाविक पार्टी है, जो नार्थ, ईस्ट, वेस्ट और साउथ में प्रभावशाली है। इसलिए कांग्रेस को महागठंबधन में आगे बढ़कर सर्वोच्च भूमिका के निर्वहन की जिम्मेवारी लेनी चाहिए। सांसन ने 3 फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली को नैतिक समर्थन देने की बात कही। वहीं, उन्होंने जदयू नेताओं द्वारा अनंत सिंह के कांग्रेस की रैली को समर्थन पर बयानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण करारा दिया और कहा कि अनंत सिंह के सामने हाथ जोड़ने वाली पार्टी के लोग आज उनपर सवाल कर रहे हैं, जब उन नेताओं की हैसियत नहीं है। अनंत सिंह अपने समाज और अपने जगह पर मजबूत हैं।
इससे पहले सांसद ने देश में मजदूर आंदोलन के प्रणेता सह पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक भी व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस बेजुबानों, वंचितों, मजूदरों, कमजोरों के आवाज थे। वे आजाद भारत में संघर्ष और क्रांति के प्रतीक थे। आम जीवन के साथ विद्रोही तेवर के लिए जाने जाते थे। लगातार कई तरह के राजनीतिज्ञों का संगम कर कई राजनेताओं को जन्म दिया। ये जात – पात और धर्म– महजब की राजनीति से दूर थे। नेशनल लीडर के रूप में बिना भेदभाव की राजनीति के उन्होंने राजनीतिक सूचिता कायम की। उन्होंने निर्माण किया, मगर सबने उन्हें छला। जब देश जाति, धर्म, मजहब के दलदल में फंस गया, तब जॉर्ज राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गये। आज ऐसे लोग घडि़याली आंसू बहा रहे हैं, जिन लोगों ने जॉर्ज को छोड़ा। उनका सम्मान नहीं किया। बिहार के किसी नेताओं को ये अधिकार नहीं है कि वे जॉर्ज को श्रद्धांजलि दे। क्योंकि जॉर्ज ने अपना अंतिम वक्त जिस तरह से गुजारा, उसके लिए ये नेता ही जिम्मेवार थे।
वहीं, सांसद ने नेताओं को भारत रत्न मिलने का विरोध किया और कहा कि हिंदू – मुसलमान व आरक्षण और क्षेत्रीय नफरत फैलाकर वोट लेने वालों को भारत रत्न क्यों दिया जाय। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भारत रत्न मिले, इस पर कोई सवाल नहीं है। मगर वोट, सियासत और सत्ता के लिए भारत रत्न चुना जाये, यह दूर्भाग्यपूर्ण है। ये कौन सी सेवा कर रहे हैं। उन्होंने सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, विवेकानंद, झांसी की रानी, पेरियार, बैकुंड शुक्ला, अशफाकउल्ला खान जैसे महापुरूषों के लिए भारत रत्न की मांग करते हुए कहा कि वोट, सत्ता और सियासत के पैमाने पर फिट नहीं आने के कारण इनको अब भारत रत्न नहीं दिया गया है।
जाप (लो) नेता ने 26 जनवरी और 15 अगस्त में होने वाले कार्यक्रम के खर्च का ऑडिट करने की मांग की और कहा कि भारत का कानून कहता है कि किसी भी हिंदुस्तानी के टैक्स से होने वाले खर्च का ऑडिट अनिवार्य है। फिर प्रखंड से लेकर दिल्ली तक 26 जनवरी और 15 अगस्त को खर्च होने वाले अरबों रूपये ऑडिट क्यों नहीं होता है। ये कहां जाता है। इस मामले को लोकसभा में उठायेंगे और सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल फाइल करेंगे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी हम आंतरिक खुशी के लिए मनाएं। इसमें गरीबों का पैसा टैक्स के रूप में इस्तेमाल न हो। यह आवश्यक है। पप्पू यादव ने कहा कि भारत में हेल्थ, कोर्ट कचहरी, एजुकेशन और धर्म-मजबह-जाति गरीबी के लिए प्रमुख कारक हैं।
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