सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई बातचीत कोई साधारण मुलाकात नही है, बल्कि इस भेट में कई राजनीतिक मायने छिपे हुए है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या लोगों से मुलाकात करने में बच रहे है, ऐसे में अचानक रांची से दिल्ली जाकर बाबूलाल मरांडी का अमित शाह से मिलना कोई साधारण बात नहीं हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था और नक्सल समस्या अभी कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। इसलिए दोनों के बीच मुलाकात में कई रहस्य छिपे हुए है, जिसका पर्दाफाश आने वाले समय में स्वतः हो जाएगा।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी गठबंधन बेहतर तरीके से काम कर रही है, कोरोना संकटकाल में पुलिस-प्रशासन ने जहां बेहतर तरीके से विधि व्यवस्था को बनाये रखने में कामयाबी हासिल की है, वहीं इस लॉकडाउन में थानों में चलने वाले सामुदायिक किचन से झारखंड पुलिस का देशभर में मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और उनके दल के नेताओं को सिर्फ अपनी चिंता है, कभी भाजपा नेता पार्टी सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर राज्यपाल से मिलते है, तो कभी बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी के नेताओं की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक को पत्र लिखते है, लेकिन कल बाबूलाल मरांडी और अमित शाह के बीच हुई मुलाकात के दौरान जनता की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं हुई।
एक ओर राज्य की जनता कोरोना संक्रमण के कारण परेशान है, वहीं केंद्र सरकार से पर्याप्त सहायता नहीं मिलने के कारण परेशानी और भी अधिक बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि झारखंड के एक विपक्षी नेता होने के नाम बाबूलाल मरांडी से यह उम्मीद थी कि वे लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थति में गरीबों की मदद, युवाओं को रोजगार और झारखंड को आर्थिक मदद मुहैय्या कराने पर बात करते, लेकिन यह मुलाकात सिर्फ डुगी ड्रामा व नौटंकी बनकर रह गया। बाबूलाल मरांडी को सिर्फ अपनी और अपने पार्टी के नेताओं की चिंता है, राज्य की चिंता नहीं है।
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