नफरत और देश को बांटने की राजनीति के खिलाफ ये आर-पार की लड़ाई है : पप्पू यादव
सिटी पोस्ट लाइव : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में आज बामसेफ एवं इमारत-ए-शरिया सहित जन अधिकार पार्टी (लो.) एवं 34 विभिन्न संगठनों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया था . आज पटना में भारत बंद के दौरान जन अधिकार पार्टी (लो.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि मनुवादी ताकतें देश में घृणा और नफरत का माहौल बनाने की कोशिश कर रही हैं। केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में संविधान के साथ खिलवाड़ करके दिल्ली चुनाव में इसका राजनैतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
बंद में प्रदर्शन के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि जनता, नफरत की राजनीति और देश को बाँटने की कोशिशों के खिलाफ है। ऐसी ताकतों के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा और अब लड़ाई आर-पार की होगी। महीनों से जनता सड़कों पर है और दिल्ली की सांप्रदायिक हुकूमत हिन्दू-मुस्लिम को बाँटने की कोशिशों में लगी है। उन्होंने सरकार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि ये लोग किसे गोली मारने की बातें कर रहे हैं? जिन्होंने अंग्रेजों की मुखबरी की वो और कुछ सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कहा कि ये आज गाँधी के पोते को गोली मारने की बातें कर रहे हैं, आंबेडकर के पोते को गोली मारने की बातें कर रहे हैं। आखिर किस-किस को गोली मारेंगे ये लोग? ये कानून दलित-पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश है।
घुमंतू जातियां, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और जो भूमि हीन लोग हैं उन्हें इस काले कानून के जरिये मताधिकार और सब्सिडी जैसी मदद से महरूम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार 14 करोड़ लोगों की बात कर रही है तो हम 20 करोड़ अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लोगों की बात कर रहे हैं। जाप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचंद्र सिंह ने बंद को सफल बताया और कहा कि ये केंद्र की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जनता की नाराजगी का प्रदर्शन है।
यही वजह है कि करीब डेढ़ महीने से लगातार देश के सभी हिस्सों में संविधान को पलटने की कोशिशों का लगातार विरोध जारी है। शांतिपूर्ण ढंग से बंद का सफल आयोजन करने के लिए उन्होंने विशेषकर राज्य की जनता को धन्यवाद दिया। बंद में जन लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव , एजाज अहमद के साथ ही सभी जिला अध्यक्षों सहित, प्रांतीय, जिला एवं प्रखंड इकाइयों ने इस बंद में सक्रीय भागीदारी की।
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