अजय कुमार सनसनी फैलाने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाते हैं : भाजपा
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार द्वारा लगाये गये आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि या तो अजय कुमार के पास पूर्ण जानकारी का अभाव है, या वह अपने नेता राहुल गांधी के सम्मानित अनर्गल बातें समझाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अगर कोई विषय नहीं है, तो भी न्यायालय के मामलों में वक्तव्य देने से पहले भी सचेत रहें। शाह ब्रदर्स के समान माइनिंग लीज के ढेर मामले संपूर्ण देश में थे। सर्वप्रथम गोवा फाउंडेशन के मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय लिया गया कि प्रथम नवीकरण के बाद के नवीकरण के मामलों में मिनरल कंसेशन रूल्स के प्रावधानों के तहत स्वत: विस्तारीकरण का प्रभाव नहीं माना जाएगा। इसलिए न सिर्फ शाह ब्रदर्स, बल्कि अन्य मामलों में भी गोवा फाउंडेशन के निर्णय के अनुसार पेनाल्टी की राशि की मांग की गई। शाह ब्रदर्स के मामले में उक्त राशि लगभग 1150 करोड़ की थी। उपरोक्त राशि को शाह ब्रदर्स एवं अन्य माइनिंग लीज धारियों के द्वारा माइनिंग न्यायाधिकरण नई दिल्ली में चुनौती दी गई। उपरोक्त मामलों में लंबित रहने की स्थिति में ही केंद्रीय कानून (एमएमआरडी एक्ट) में संशोधन लाया गया और यह प्रावधान किया गया कि वैसे सभी खनन पट्टे के मामले में जिनमें पट्टे के नवीनीकरण का मामला राज सरकार के पास लंबित है एवं जिन के विषय में अंतिम आदेश नहीं लिया जा सका है और जिन को निरस्त नहीं किया गया है। उन्हें अभी से 50 वर्ष के लिए स्वत: विस्तारित माना जाएगा। तथा खनन पट्टे धारियों को को पट्टे की शर्तों का पालन करना पड़ेगा। शाहदेव ने कहा कि उपरोक्त कानून में संशोधन के आधार पर खनन न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के द्वारा पारित आदेशों के अनुसार न सिर्फ शाह ब्रदर्स बल्कि अन्य खनन पट्टे धारियों के मामले में भी गोवा फाउंडेशन के निर्णय के आधार पर की गई, मांग को न्यायालय ने निरस्त कर दिया । इसमें मांग की राशि को अवैध उत्खनन की सीमा तक सुधार किया जाना था। गोआ फाउंडेशन के निर्णय के उपरांत संबंधित खनन पट्टे धारियों के द्वारा प्रथम नवीकरण की समाप्ति की तिथि के उपरांत के बाद किए गए खनन को पूर्व में अवैध माना गया था एवं एमएमडीआर एक्ट में किए गए संशोधन एवं खनन न्यायाधिकरण नई दिल्ली के द्वारा पारित आदेश के आलोक में संशोधित प्रावधानों के अनुसार खनन पट्टे धारियों जिसमें शाह ब्रदर्स भी शामिल थे। उनको सिर्फ अवैध खनन के संबंध में खनिज के मूल्य राशि को निर्धारित करने का आदेश था। जिसके अनुसार पूर्व में निर्धारित 1150 करोड़ की राशि को निरस्त करते हुए उसके स्थान पर अवैध 250 करोड़ रुपए के रूप में राशि निर्धारित हुई। उपरोक्त कार्रवाई संबंधित कानून, सर्वोच्च न्यायालय एवं खनन न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के आदेशों के आधार पर हुई ना की किसी को मिली भगत या फायदा पहुंचाने वाले नियत के कारण । शाहदेव ने कहा की अवैध खनन के संबंध में खनिज का भुगतान मूल्य मांगे जाने के विषय में उड़ीसा राज्य में लगभग 102 खनन पट्टे धारियों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निर्देश पारित किया गया था एवं झारखंड राज्य पहला राज्य था जहां कॉमन कॉज के उड़ीसा राज्य के निर्णय के आधार पर कार्रवाई की गई । शाहदेव ने कहा कि झारखंड राज्य में पर्यावरण स्वीकृति से अधिक मात्रा में खनन को अवैध मानते हुए खनन पट्टे धारियों से खनिज के मूल की राशि की मांग की गई। शाहदेव ने कहा कि अजय कुमार ऐसे भी पहले भी हल्की बातें करते रहे हैं और उनकी स्ट्रेटजी का एक हिस्सा रहा है कि वह बिना ठोस सुबूत के साथ सनसनी फैला कर अनर्गल आरोप लगाकर सीन से गायब हो जाते हैं।
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