यूएई से भारत आने के लिए दो लाख भारतीयों ने दिया आवेदन, लाने का काम शुरू
सिटी पोस्ट लाइव : अब बहरत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतियों को वापस लाना शुरू कर दिया है.संयुक्त अरब अमीरात में कोरोना वायरस के लॉकडाउन में फंसे 300 से ज़्यादा भारतीयों को दुबई से वापस लाया गया है. गुरुवार को ये दो फ्लाइट के ज़रिए केरल पहुंचे और सभी को क्वॉरंटीन में भेज दिया गया है. भारत ने मार्च में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवा बंद कर दी थी.
अगले कुछ हफ़्तों में क़रीब 15 हज़ार भारतीयों को 12 देशों से विशेष विमानों के ज़रिए वापस लाया जाएगा. सभी भारतीयों को अपना किराया ख़ुद देना पड़ रहा है और आने से पहले सबका टेस्ट किया जा रहा है कि वो कोरोना वायरस से कहीं संक्रमित तो नहीं हैं. गुरुवार को अमरीका और ब्रिटेन से भी भारतीयों को लेकर विमान उड़ान भरने वाले थे लेकिन चालक दल के सदस्यों के टेस्ट में देरी हुई इसलिए उड़ान भी लटक गई.
भारत ने विदेशों में बसे भारतीयों को लाने के अभियान को ‘वंदे भारत मिशन’ नाम दिया है. भारत की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम दो लाख भारतीयों को विदेशों से लाना है. 1990 के बाद भारत का यह सबसे बड़ा अभियान कहा जा रहा है. खाड़ी के युद्ध के दौरान एक लाख 70 हज़ार भारतीयों को वापस लाया गया था.
भारत की सरकारी हवाई सेवा एयर इंडिया की फ्लाइट अगले कुछ दिनों में अमरीका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, क़तर, सिंगापुर और मलेशिया के लिए उड़ान भरने वाली है. केवल संयुक्त अरब अमीरात से ही एक लाख 97 हज़ार भारतीयों ने वापस आने के लिए आवेदन किए हैं. ज़्यादातर लोग केरल के हैं. यहां के लोग लाखों की संख्या में यूएई में काम करते हैं.
भारत उन्हीं भारतीयों को ला रहा है जो अपने टिकट का पैसा दे रहे हैं और वो कोरोना से संक्रमित नहीं हैं. सभी फ्लाइट में 200 से 250 तक सवारी बैठाए जा रहे हैं. भारत जलमार्ग के ज़रिए भी अपने लोगों के विदेश से ला रहा है. हाल ही में भारतीय नेवी ने मालदीव में अपना एक पोत भेजा था और वहां फंसे एक हज़ार भारतीयों को वापस लाया था. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश में रह रहे भारतीयों से आग्रह किया है कि अगर वो वापस आना चाहते हैं तो दूतावास के संपर्क में रहें.
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