86 वां भारतीय वायुसेना दिवस : जानिए कैसे बनी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना
सिटी पोस्ट लाइव : भारतीय वायुसेना आज अपना 86 वां स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायुसेना का जन्म 8 अक्टूबर 1932 को ऑक्जलरी फोर्स यानि अतिरिक्त सेना के रूप में किया गया था। जानकारों की माने तो इंडियन एयरफोर्स की शुरुआत सिर्फ तीन लोगों के साथ हुई थी। आज वायुसेना में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा जवान देश के लिए अपनी सेवा दे रहें हैं। इतना ही इंडियन एयरफोर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। भारतीय वायुसेना चीन से लोहा ले चुकी है तो वहीं पाकिस्तान को धुल चटा चुकी है। भारतीय वायुसेना आज इतनी मजबूत हो चुकी है कि दुनिया का बड़े से बड़ा मुल्क भारत के आसमान के तरफ देखने से कतराता है।
एक समय जब भारत के पास रात में उड़ने वाले एयरक्राफ्ट्स नहीं थे। वर्ष 1971 की, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था ,उस समय वायुसेना के पास रात में फ्लाई करने वाले एयरक्राफ्ट्स नहीं थे लेकिन आज इंडियन एयरफोर्स के पास दुनिया का सबसे बड़ा हरक्यूलिस विमान के साथ-साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस कई अन्य विमान है। आज भारतीय वायुसेना राफेल, सुखोई एसयू-30 एमकेआई और तेजस जैसे कई अन्य अत्याधुनिक विमान से लैस है।
राफेल भारतीय वायुसेना का अब तक का सबसे अत्याधुनिक विमान है। राफेल महज एक मिनट में 60 हज़ार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है, वहीं इसकी मारक क्षमता करीब 3700 किलोमीटर है और यह 2200 से 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है। राफेल लड़ाकू विमानों की सबसे खास बात यह है कि इसमें नए दौर की दृश्य से ओझल होने में सक्षम ‘मिटिअर’ मिसाइल और इजराइली प्रणाली भी है। अगर बात करे सुखोई 30 एमकेआई की तो ये विमान भारतीय वायुसेना का बेहद हाइटेक लड़ाकू विमान है।
इस विमान को हिंदुस्तान ने रूस की मदद से मिलकर बनाया है । भारतीय वायुसेना का यह विमान 3000 किमी की दूरी तक जा कर हमला कर सकता है।इस विमान की खासियत है की ये हवा में ईन्धन भर सकता है। इस विमान में मिसाइल लांचिग की तकनीकी के साथ 30 मिमी की एक तोप भी लगी हुई है। तेजस भारत का स्वदेशी निर्मित सबसे हल्का लड़ाकू विमानों में से एक है। ये विमान 1850 किमी की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
नई दिल्ली से आशुतोष झा की रिपोर्ट
Comments are closed.