मास्क और सैनिटाइजर नहीं मिले तो सड़कों पर उतरे स्वास्थ्यकर्मी, किया प्रदर्शन
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना जैसी महामारी से निपटने में भले ही सरकारी महकमा जी जान से जुटे होने का दावा कर रहा हो लेकिन हकीकत ये है कि अस्पतालों के डॉक्टर, कर्मचारी खुद डरे हुए हैं. अस्पतालों में अब भी सुविधाओं की भारी कमी है.ऐसे में अस्पताल कर्मियों को भी जान का डर सताने लगा है और मामला कार्य बहिष्कार तक पहुंच गया है. बिहार की राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) की संविदा नर्सें और वार्ड ब्वाय ने मास्क और सैनिटाइजर नहीं मिलने के विरोध में कार्य बहिष्कार कर दिया है और सभी मेनगेट पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
संविदा नर्स श्वेता का आरोप है कि कई दिनों से आइसोलेशन वार्ड में संविदा कर्मी बिना किसी सुरक्षा के कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वहीं, नर्सों ने यह भी आरोप लगाया कि स्थायी कर्मियों से ड्यूटी नहीं करवाकर संविदा कर्मियों की जान के साथ खिलवाड़ है.बतौर नर्सों ने अस्पताल के अधीक्षक और निदेशक को पत्र भी लिखा है कि सभी सुविधा प्रदान किया जाए. साथ ही 50 लाख का जीवन बीमा संविदा कर्मियों का भी करवाया जाए, तभी संविदा कर्मी आइसोलेशन में ड्यूटी करेंगे. हालाकि इस बाबत अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने भरोसा दिया है कि शनिवार शाम से मास्क और सैनिटाइजर की कमी नहीं होने देंगे.
उल्लेखनीय है कि NMCH के जूनियर डॉक्टरों ने भी ट्विट कर कहा था कि कोरोना के संक्रमण से वो खुद परेशान हैं. उन्हें खुद संक्रमण का खतरा सता रहा है ऐसे में वो कोरोना के मरीजों का ईलाज कैसे कर पायेगें. बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 9 हो गई है. संदिग्धों की सूची में शुक्रवार को 304 नए लोग शामिल किए गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की संख्या 1760 हो गई. बता दें कि गुरुवार तक 1456 लोग सर्विलांस में लिए गए थे.
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