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मनमोहन सिंह के तर्कों को मान लिया जाता तो अर्थव्यस्था की बदहाली ऐसी नहीं होती : सिन्हा

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मनमोहन सिंह के तर्कों को मान लिया जाता तो अर्थव्यस्था की बदहाली ऐसी नहीं होती : सिन्हा

सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के करोड़ो किसानों, छोटे मझोले दुकानदारों, मजदूरों व लाखों घरेलू उद्योगों को भुखमरी की कगार पर पहुॅचाने वाले  RCEP  (Regional Comprehensive Economic Partnership Agreement) को रोकने का सारा श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को देते हुए कहा कि तीनों ने प्रभावी ढं़ग से न केवल देश के लोगों का पक्ष को रखा था बल्कि कांग्रेस ने इस जनविरोधी एग्रीमेन्ट को रोकने के लिए आर-पार की लडाई लड़ने का निर्णय ले लिया था इसलिए कांग्रेस से घबराई मोदी सरकार ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नही किए।

आज आर्थिक मंदी के विरोध में पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री शत्रुघन सिन्हा, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी व प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चौपड़ा व शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है, यदि समय रहते कांग्रेस व विश्वविख्यात अर्थशास्त्री डा0 मनमोहन सिंह के तर्कों को मान लिया जाता तो आज देश की अर्थव्यस्था की बदहाली नही होती।

शत्रुघन सिन्हा ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आर्थिक मंदी के इस दौर में देश में चौतरफा अफरातफरी फैली हुई हैं। उन्होंने कहा कि 45 साल के इतिहास में आज सबसे अधिक मंदी है और बेरोजगारी की दर बहुत तेजी से न केवल बढ़ रही है बल्कि 72 साल में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश में सरकारी लूट मचा रखी है, जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है। उन्हांने यह भी कहा कि देश की जनता इसे और अधिक सहन नही करेगी। सिन्हा ने कहा कि मैंने सरकार में रहते हुए लगातार इन मुद्दो पर अपना विरोध दर्ज करवाया, जिसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ी।

सिन्हा ने कहा कि पिछले 6 सालों मे जीडीपी सबसे निचले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि यदि आंकडों की बाजीगरी छोड़ दे तो और वास्तविकता देखे तो तो वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी 5 प्रतिशत के निचले स्तर पर रही। आईएमएफ, फिच, वर्ल्ड बैंक, मूडी एवं आरबीआई सहित सभी एजेंसियों ने भारत में जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान में भारी कटौती कर दी है। दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पायदान से नीचे खिसक कर अब देश सातवें पायदान पर चला गया है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मोदी सरकार के समय में औद्योगिक वृद्धि अगस्त 2019 में सिकुड़कर मात्र 1.1 प्रतिशत रह गई है, जो 7 साल में सबसे कम है। मैनुफैक्चरिंग वृद्धि की दर भी गिरकर -1.2 प्रतिशत (नैगेटिव) के निचले स्तर पर आ गई है, जो अक्टूबर, 2014 के बाद सबसे कम है। कोर सेक्टर में वृद्धि पिछले चार सालों में सबसे कम है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि अप्रैल 2012 के बाद कैपिटल गुड्स की वृद्धि -21 प्रतिशत (नैगेटिव) सबसे कम दर्ज की गई है, यानि बिजली के सेक्टर में वृद्धि -0.9 प्रतिशत (नैगेटिव) है, जो फरवरी 2013 के बाद सबसे कम है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि बैंकों का एनपीए 8,00,000 करोड़ रु. हो गया है, क्योंकि भाजपा सरकार के पाँच सालों के कार्यकाल में बैंकों से धोखाधड़ी के लगभग 25,000 मामले सामने आए, जिनमें बैंकों को 1,74,255 करोड़ रु. का चूना लगा। उन्होंने कहा कि बैकों के साथ धोखा देने वाले अपराधियों को दंड देने की बजाए भाजपा सरकार उनका बचाव कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश के नागरिकों का ‘पैसा लूटो और भाग जाओ’ का नया नियम बना लिया है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि गंभीर वित्तीय संकट का सबसे बड़ा प्रमाण है कि साल 2019-20 में केंद्र सरकार के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में 2,00,000 करोड़ रु. की गिरावट अनुमानित है। 2018-19 में भी ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में 1,90,000 करोड़ रु. की गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन का मासिक आंकड़ा 1,00,000 करोड़ रु. तक भी नहीं पहुंच पा रहा। उन्होंने कहा इससे स्पष्ट होता है कि देश  का साल 2019-20 में वित्तीय घाटा 4 प्रतिशत रहने वाला है। यदि 10,00,000 करोड़ रु. के अनपेड बिल्स को भी गणना में ले लिया जाए, तो यह वित्तीय घाटा 8 प्रतिशत को पार कर जाएगा।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति बन गई है। क्योंकि भाजपा सरकार अब आरबीआई इमरजेंसी रिज़र्व को खाली करने से भी नहीं चूक रही, जिसे युद्ध या गंभीर वित्तीय संकटों,  देश की रक्षा करने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। अगस्त 2019 में आरबीआई ने भाजपा सरकार को 1,76,000 करोड़ रु. दिए। इससे पहले 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में भी आरबीआई द्वारा प्रतिवर्ष 2,13,000 करोड़ रु. भाजपा सरकार को दिए गए। इस प्रकार भाजपा शासन के पाँच सालों में अब तक कुल 3,89,000 करोड़ रु. आरबीआई द्वारा भाजपा सरकार को भुगतान किया जा चुका।

मुकेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा के नेतृत्व में दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ता सड़को पर आ गए है और अब कांग्रेस दिल्ली में भाजपा और आप पार्टी के खिलाफ निर्णायक आंदोलन छेड़ेगी जिसकी घोषणा आगामी 2-3 दिन में कर दी जाएगी। उन्होंने प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल हुए हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओ का आभार प्रकट किया.

एनसीआर से अरविंद द्विवेदी की रिपोर्ट

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