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बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने दर्ज कराया केस, जानिए वजह…

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सिटी पोस्ट लाइव : रिटायरमेंट से पांच महीने वीआरएस लेकर बिहार की सियासत में बवाल मचा देनेवाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय देश भर में चर्चा में हैं.वो देश के टॉप 10 खबरों में ट्रेंड कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच उनके नाम से फेक ट्वीटर अकाउंट बनाकर अनाप शनाप पोस्ट कुछ असामाजिक तत्वों ने शुरू कर दी है.उनके नाम से फेक ट्वीटर अकाउंट बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा जा रहा है.

गुरुवार को उन्होंने इस मामले में सचिवालय थाने में केस दर्ज कराया है. खुद ही उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी है.दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय के नाम से साइबर फ्रॉड ने फेक फेसबुक अकाउंट बनाया लिया था. उसी फर्जी अकाउंट से मुख्यमंत्री के बारे में अभद्र टिप्पणी की जा रही थी. पूर्व डीजीपी ने कहा कि मेरे नाम से फ़ेक अकाउंट बना कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में गलत टिप्पणी की जा रही है .अभी FIR कर रहा हूँ.ऐसे साइबर अपराधियों से सावधान रहें कृपया….

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि 14 सीटों से चुनाव लड़ने का ऑफर है, लेकिन मैं अभी राजनीति में जाने को लेकर फैसला नहीं किया है. जो भी होगा, पहले अपने लोगों से सलाह मशविरा करूंगा फिर इसका ऐलान करूंगा. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद से ही राजनीति में एंट्री की चर्चा तेज थी लेकिन इस पर खुद उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले. उन्होंने इतना कहा कि क्या राजनीति में आना अवैध है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वीआरएस को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़ने की
जरूत नहीं है.

गुप्तेश्वर पांडेय ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे बिहार की जनता बहुत प्यार करती है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मेरे खिलाफ हर रोज अफवाह उड़ाया जा रहा है, मुझे विवादित बनाया जा रहा है. मेरे खिलाफ विपक्ष, चुनाव आयोग से शिकायत कर चुनाव के बीच हटाये जाने की साजिश चल रही थी. उन्होंने कहा कि 34 साल की नौकरी में कभी उनके ऊपर किसी की मदद करने और किसी का नुकशान किये जाने का आरोप नहीं लगा है. उन्होंने कहा कि अगर आयोग चुनाव के बीच उन्हें हटा देता तो उनकी कितनी बेइज्जती होती. 34 साल तक बेदाग रहा, लेकिन इस तरह का माहौल बना दिया गया कि निर्वाचन आयोग को मुझे हटाना पड़े.

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