सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना ने अबतक हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है.ऐसा ही वाक्य बिहार के एक पिता के साथ हुई .दिल्ली में लॉक डाउन में फंसे इस पिता को जब बिहार में अपने बेटे की मौत की खबर मिली तो उसके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया. बेगूसराय जिले के बरियारपुर पूर्वी पंचायत के रहने वाले रामपुकार पंडित दिल्ली के नजफगढ़ में रहकर मजदूरी का काम करता था. इसी दौरान रामपुकार पंडित को बेगूसराय में रह रहे उनके बेटे की मौत की खबर पता लगी. गमगीन रामपुकार पंडित को जब घर आने का कोई साधन नहीं मिला तो वह पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए.
दिल्ली से पैदल बेगूसराय तक का सफ़र आसान नहीं था वो भी उस व्यक्ति के लिए जो अपने जवान बेटे की मौत का बोझ लेकर चल रहा हो. फिर भी अपने बेटे के अंतिम संस्कार के लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलते हुए राम पुकार पंडित किसी तरह बिहार और यूपी के बॉर्डर तक पहुंच गए. लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया था. इसी दौरान रामपुकार पंडित ने यूपी पुलिस से काफी मिन्नतें आरजू कीं और अपने पुत्र के मौत की बात बताई.
हुए राम पुकार पंडित एकलौते ऐसे सख्श नहीं हैं जिनका हँसता खेलता परिवार उजाड़ चूका है. कोरोनाबंदी के दौरान ऐसे कई वाकये सामने आए जिसने लोगों को हिलाकर रख दिया.ऐसा ही एक वाकया बेगूसराय (Begusarai) के राम पुकार पंडित के साथ हुआ जो सोशल मीडिया में खूब वायरल भी हुआ. सोशल मिडिया पर वायरल (Viral on social media) हुई एक पिता की यह तस्वीर सबको हिलाने के लिए काफी थी.इसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया. एक पिता को अपने पुत्र की मौत के बाद घर आने की इजाजत मिली. हालांकि अपने पुत्र की मौत के बाद पिता को घर आते-आते काफी ज्यादा समय लग गया .वह अपने बेटे की अर्थी को कन्धा भी नहीं दे पाया.
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