सिटी पोस्ट लाइव : बिहार और झारखण्ड में अब कोरोना अपना असली रूप दिखाने लगा है.पिछले एक सप्ताह में झारखण्ड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तीन गुना और बिहार में पिछले दो सप्ताह में दो गुना बढ़ोतरी हुई है. पिछले दो महीने में जहां ढाई हजार कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे. लेकिन 15 दिनों में ही इनकी संख्या दोगुनी हो गई. अभी बिहार में औसत 200 रोज के हिसाब से हर पांच दिन में एक हजार की दर से कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा रही है.
22 मार्च को बिहार में पहले दो कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई थी जबकि 24 मई को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2574 हो गयी. दूसरी ओर, 15 दिनों के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8 जून को 5175 हो गयी. वहीं, 27 मई को 3036 कोरोना संक्रमित मरीज थे जो पांच दिन बाद बढ़कर 2 जून को 4 096 और फिर पांच दिन बाद 7 जून को 5070 हो गए.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है. आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़कर 33 हजार 458 की गई है. जबकि कोरोना जांच केंद्रों की संख्या बढ़कर 28 की गई है. 20 जून से राज्य में 10 हजार सैम्पलों की प्रतिदिन जांच होने लगेगी. इसी प्रकार अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की जा रही है.
एक तरफ बिहार में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 दिनों में दोगुने हो गए हैं वहीं बिहार के कई शहरों में सिर्फ 10 दिन में ही मरीज दोगुने हो गए. सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों में मरीजों की संख्या बड़ी ही तेजी से बढ़ रही है बता दें कि 9 मई तक उत्तर बिहार का जिला सुपौल में कोई भी मरीज नहीं था वहीं 28 मई को यह संख्या 58 व 7 जून को 156 हो गई सहरसा में तो 10 दिनों में मरीजों की संख्या 62 से बढ़कर 93 पहुंच गई वही खगड़िया में 28 मई को 149 पॉजिटिव केस था तो 8 जून को यहां आंकड़ा 276 पार कर गया भागलपुर और मुंगेर के साथ भी करीब-करीब यही केस है आंकड़ों को देखें तो उत्तर बिहार में सिर्फ एक पखवाड़े में मरीजों की संख्या 3 गुना बढ़ गई है. अब सवाल उठता है कि क्या यह कम्युनिटी स्प्रेड तो नहीं.
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