केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रिपल तलाक बिल में संशोधन को दी मंजूरी, मजिस्ट्रेट दे सकेंगे जमानत
सिटी पोस्ट लाइव : संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह हलाला संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 में केंद्रीय कैबिनेट ने कुछ संशोधन को मंजूरी दे दी है. जिसमें तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को बेल देने का अधिकार होगा. साथ ही अब पीड़िता के रिश्तेदार को भी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होगा.
बता दें पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ट्रिपल तलाक पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी थी और केंद्र सरकार से कहा था कि वो 6 महीनों के अंदर ट्रिपल तलाक पर कानून लेकर आए. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को लोकसभा में ‘द मुस्लिम विमेन (प्रोटेक्शन एंड राइट्स ऑन मैरेज) बिल 2017’ पास किया. इस बिल के तहत एक बार में ट्रिपल तलाक देने पर पति को तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.
पिछले सत्र में राज्यसभा में इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक देखने को मिली थी. जब विपक्ष की तरफ से विधेयक को त्रुटिपूर्ण बताते हुए प्रवर समिति में भेजने की मांग की गई थी. कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में बिल में पीड़ित महिला को पति के जेल जाने के बाद गुजारा भत्ता दिए जाने का संशोधन पेश किया गया था लेकिन यह संशोधन निचले सदन में गिर गया.
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