City Post Live
NEWS 24x7

कोरोना वायरस : देश-विदेश की तमाम बड़ी खबरों का लेखा जोखा

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

कोरोना वायरस : देश-विदेश की तमाम बड़ी खबरों का लेखा जोखा

कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी एंटी बॉडीज़ होने के सबूत नहीं: WHO.

सिटी पोस्ट लाइव : कोविड 19 से ठीक होने वाले मरीज़ों के शरीर में ऐसी एंटी बॉडीज़ होने और उन्हें आगे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाए रखने के दावे को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गलत करार दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि “फ़िलहाल ऐसे कोई सबूत नहीं है जिनके आधार पर ये दावा किया जा सके.कुछ दिनों पहले तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक होने के बाद लोगों में ऐसे एंटीबॉडीज़ के विकसित होने की संभावना है जो कि वायरस पर हमला करके दोबारा संक्रमण के ख़तरे को टाल सकती है.

2.

जापान के समुद्री जहाज में 60 नए मरीज़.

सिटी पोस्ट लाइव :जापान के एक बंदरगाह पर खड़े समुद्री जहाज कोस्टा अटलांटिका में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 60 नए मरीज मिले हैं. इस समुद्री जहाज पर कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या 150 हो चुकी है.माना जा रहा है कि इस जहाज पर 623 कर्मचारी ठहरे हुए हैं. हालांकि इस जहाज पर कोई यात्री नहीं हैं. कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद इस जहाज को चीन के बदले जापान के नागासाकी डायवर्ट कर दिया गया. जिसके बाद से जहाजकर्मी यहीं फंसे हुए हैं, हालांकि स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कर्मचारी जहाज छोड़ चुके हैं. जापान में कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी देखने को मिली है. देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले 12,800 हो चुके हैं जबकि 345 लोगों की मौत हो चुकी है.

3.

रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर फौरी रोक

सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार की ओर से रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल फिरहाल नहीं किये जाने का फैसला लिया गया है.कोरोना वायरस पर मंत्रियों के समूह की एक बैठक में ये तय हुआ है कि फिलहाल भारत में स्थिति नियंत्रण में है और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से सकारात्मक परिणाम आए हैं. इसलिए फिलहाल रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल करने की जरुरत नहीं है.

सरकार के पास फिलहाल 15 लाख टेस्ट करने की क्षमता है और कई भारतीय कंपनियां टेस्टिंग किट बनाने की प्रक्रिया में हैं. लगभग 1.25 लाख स्वयंसेवी कोविड 19 के ख़िलाफ़ जंग में मदद करने के लिए तैयार हैं.

4.

30 जून तक उत्तर प्रदेश में लोगों के जमा होने पर पाबंदी- योगी.

सिटी पोस्ट लाइव :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 30 जून तक प्रदेश में लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी. योगी ने प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फ़ैसला किया है.प्रदेश में 30 जून तक राजनीतिक रैली और सामाजिक-सांस्कृतिक समारोहों पर पाबंदी रहेगी. इससे पहले योगी आदित्यानाथ ने कहा था कि वो उत्तर प्रदेश के प्रवासी मज़दूरों को देश के दूसरे राज्यों से वापस लाएंगे.उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 1,600 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 25 लोगों की मौत भी हो चुकी है. देश भर में संक्रमितों की संख्या 24,000 पार कर गई है और मरने वालों की तादाद 775 हो गई है.

5.

किसी भी देश से एक डॉलर की भी मदद नहीं मिली- इमरान ख़ान.

सिटी पोस्ट लाइव :पाकिस्तान ने 9 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है. योजना मंत्री असद उमर ने इसकी घोषणा की. उमर का कहना है कि प्रांतीय सरकारों के साथ राय-मश्विरा कर के यह फ़ैसला लिया गया है.जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक़ पाकिस्तान में अब तक कोरोना वायरस के 11,940 मामले सामने आए हैं जिनमें से 253 लोगों की मौत हो चुकी है.

पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था ऊपर से कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी ने हालत और गंभीर कर दी है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि उन्हें अब तक किसी देश या वैश्विक संगठन से एक डॉलर की भी आर्थिक मदद नहीं मिली है.सोशल मीडिया के प्रभावी शख्सियतों और पत्रकारों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद पैदा हुए हालात पाकिस्तान और पूरी दुनिया के लिए बड़ा इम्तेहान है.इमरान ख़ान ने कहा कि इस महमारी से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. पीएम ख़ान ने कहा, ”किसी भी देश या अंतर्राष्ट्रीय संगठन से उन्हें एक डॉलर की भी मदद नहीं मिली है. केवल आईएमएफ़ से क़र्ज़ की रक़म मिली है.”

6.

श्रीलंका में फिर लगा 24 घंटे का कर्फ़्यू.

सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामले को देखकर श्रीलंका ने फिर से 24 घंटो का कर्फ़्यू लगा दिया है. शुक्रवार 46 नए मामले देश में सामने आए हैं. इसके साथ ही श्रीलंका में संक्रमितों की कुल संख्या 420 पहुँच गई है और यहाँ अब तक मरने वालों संख्या 7 है.नए संक्रमितों में 30 नाविक हैं जो राजधानी कोलंबो के पास एक कैम्प से हैं. अब तक 60 नाविक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. श्रीलंका में सोमवार को दिन के वक़्त देश के दो तिहाई हिस्सों में कर्फ़्यू में ढील दी गई थी. पुलिस ने अब तक कर्फ़्यू का उल्लंघन करने वाले 30000 लोगों को गिरफ़्तार किया है.

7.

राष्ट्रपति ट्रंप की ख़तरनाक सलाह?

सिटी पोस्ट लाइव :व्हाइट हाऊस की प्रेस ब्रीफ़िंग में राष्ट्रपति ट्रंप की दी गई सलाह की जमकर आलोचना हो रही है. ट्रंप ने ब्रीफ़िंग के दौरान कहा था कि इस पर शोध होना चाहिए कि क्या रोगाणुनाशकों को शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है.

प्रेस ब्रीफ़िंग में मौजूद व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स की डॉक्टर डेबोराह बिरक्स ने उनके इस सलाह को वहीं ख़ारिज कर दिया था. बाद में शुक्रवार को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने यह ‘तंज’ में कहा था. हालांकि बीबीसी से बातचीत में डॉक्टरों का कहना है कि कुछ लोग उनकी इस बात को सच मान सकते हैं.सर्जन डॉक्टर जोनाथन स्पाइसर चेतावनी भरे लहजे में कहते हैं, “ये रोगाणुनाशक इतने ख़तरनाक होते हैं कि यह हमारे अंदर के हिस्से को गला देंगे.” न्यूयॉर्क सिटी की हेल्थ कमीशनर डॉक्टर ऑक्सीरीस बारबोट कहती हैं, “रोगाणुनाशक को किसी भी तरीक़े से फिर चाहे इंजेक्शन, या फिर पीने या स्कीन पर लगाने पर भी शरीर के लिए ये बहुत नुक़सानदायक है.”

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेस ब्रीफ़िंग में यह भी प्रस्ताव डाला था कि अलट्रावॉयलेट लाइट से मरीज़ों के शरीर को इरेडिएट किया जा सकता है. इम्यूनॉलिजिस्ट डॉक्टर डोना फार्बर इस पर कहती हैं, “ये किरणें आपके बहुत अंदर नहीं जाती, आप इसे अंदर की ओर भी डालेंगे तो यह फेफड़ों तक नहीं पुहँचेंगी. हम जानते हैं कि जब हम इन किरणों के संपर्क में आएंगे तो क्या होगा. हमें सनबर्न होगा और यह डीएनए को नुक़सान पहुँचाएँगी. किसी भी तरह का रेडिएशन जो हमारे शरीर में जाएगा वो हमें बहुत नुक़सान पहुँचाने वाला होगा. इससे अच्छा है कि आप कोरोना वायरस के साथ ही रहे और अपने इम्युन सिस्टम को उससे लड़ने दें.

8.

अमरीका में कोरोना वायरस से अब तक 51 हज़ार मौतें.

सिटी पोस्ट लाइव : अमरीका में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 890,524 हो गई है. इसकी चपेट में आकर अब तक यहां 51,017 लोगों की जान जा चुकी है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में अभी ये संख्या रुकने नहीं जा रही. शुक्रवार को अमरीका में संक्रमण के 21,579 नए मामले सामने आए और 1,130 लोगों की मौत हुई.

व्हाइट हाउस कोविड-19 टास्ट फोर्स के विशेषज्ञ डॉक्टर डेबोराह बिरक्स का कहना है कि “दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर अमरीका में है.” प्रति व्यक्ति दर के हिसाब से अमरीका में कोरोना से होने वाली मौजूदा मृत्यु दर स्पेन, इटली, फ्रांस, बेल्जियम और ब्रिटेन से कम है. अगर सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों की सूची देखे तो अमरीका सबसे ऊपर दिखता है लेकिन यह इस तस्वीर का पूरा सच नहीं है.

जनसंख्या के हिसाब से देखे तो यूरोप के कई देशों में वहाँ की जनसंख्या के अनुपात में अमरीका से कहीं अधिक मौतें हुई हैं और अगर पूरे यूरोप की बात करें तो वहाँ ज़्यादा मौतें हुई हैं. लेकिन हमें बड़ें देशों की तुलना इस तरह करने से बचना चाहिए. अब देखिए न्यूयॉर्क की तस्वीर अमरीका की तस्वीर से अलग दिखती है और ऐसा ही दूसरे देशों के साथ भी है.

इटली में महामारी के दो केंद्र हैं- एक देश के उत्तरी हिस्से में जहाँ स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर हैं और दूसरा देश के दक्षिणी हिस्से में जहाँ स्वास्थ्य सेवाएँ उतनी बेहतर हालत में नहीं हैं. मृत्यु दर इस पर निर्भर करता है कि आप मृतकों की संख्या कैसे गिन रहे हैं. फ्रांस अपने यहाँ मरने वालों में केयर होम में होने वाली मृत्यु को भी गिन रहा है तो वहीं बेल्जियम संदिग्ध मृतकों की संख्या भी कोरोना से मरने वाले मृतकों में शामिल कर रहा है. इससे वहाँ मरने वालों की संख्या ज़्यादा दिखती है.

अमरीका में हर रोज़ मरने वालों की संख्या में अचानक आई बढ़ोतरी की एक वजह यह भी है कि उसने वायरस से आशंकित मौतों को भी मरने वालों की संख्या में शामिल करना शुरू किया है. अमरीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने 14 अप्रैल को बताया कि मृतकों की संख्या में पुष्ट और संभावित मरीज़ों की संख्या को शामिल किया जाएगा.मरने वाले संभावित मरीज़ों में उन्हें शामिल किया जाता है जिनमें लक्षण तो दिखते हैं लेकिन जिनकी टेस्टिंग से जिनकी पुष्टि नहीं हुई है. यह भी यहाँ ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 के कई ऐसे हल्के मामले हैं जिनकी रिपोर्टिंग नहीं हो पा रही इसलिए संक्रमण की पुष्टि वाली जो मृत्यु दर है, वो कुल मौतों के बराबर नहीं है.

टेस्टिंग की मदद से ही वास्तविक मृत्यु दर और संक्रमण का पता चल पाएगा. टास्क फोर्स की अगुवाई करने वाले माइक पेंस ने बताया है कि अमरीका 49 लाख टेस्ट अब तक कर चुका है और अलग-अलग राज्यों के गर्वनर से इसे और अधिक करने पर काम हो रहा है. अमरीकी संसद में 484 अरब डॉलर की आर्थिक मदद की घोषणा की गई है. इसका एक हिस्सा टेस्टिंग के ऊपर भी खर्च किया जाएगा. अमरीका की ओर से यह चौथी राहत पैकेज की घोषणा है. इसके अलावा अस्पताल और छोटे व्यवसायों को क़र्ज़ देने की भी बात कही गई है.

10.

केंद्र सरकार के फ़ैसले को अभी लागू नहीं करेगी दिल्ली सरकार

सिटी पोस्ट लाइव :नगर निगम और नगर पालिका के अंदर और बाहर आने वाले दुकानों को खोलने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फ़ैसले को दिल्ली सरकार ने फ़िलहाल लागू करने से मना कर दिया है. हालांकि सरकार का यह फ़ैसला कंटेनमेंट ज़ोन और हॉटस्पॉट में लागू नहीं है.

दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो हालात का जायज़ा लेने के बाद 27 अप्रैल को इसके ऊपर कोई निर्णय लेगी. दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट ऑथॉरिटी की शीर्ष कमिटी स्थिति का मूल्यांकन करेगी फिर उसके बाद इसके ऊपर कोई फ़ैसला लिया जाएगा.दिल्ली सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार  इसके पहले देर रात आए फ़ैसले में कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण इलाक़ों के मार्केट कॉम्प्लेक्स और रिहायशी इलाक़ों में सभी दुकानें खुल सकेंगी.नगर निगम की सीमा के बाहर सभी इलाक़ों को ग्रामीण इलाक़ा माना जा सकता है लेकिन इसमें शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी. मॉल और बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स अब भी ग्रामीण और शहरी इलाक़ों में नहीं खुल सकेंगे.

11.

प्रतिबंधों के बावजूद चीन में क्यों बढ़ रहे हैं बाहर से आए संक्रमण के मामले.

सिटी पोस्ट लाइव :चीन के उत्तर पश्चिमी इलाक़े शांग्जी में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के सात नए मामले सामने आए. ये सभी सात नए संक्रमित लोग हाल ही में रूस से लौटे थे. चीन में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले यूरोप के कई देशों और अमरीका की तुलना में बेहद कम है.

यह बात ग़ौर करने वाली इसलिए है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुआ था. चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमण को काफ़ी हद तक नियंत्रित करने में सफलता पाई है. बीते एक हफ़्ते में वहां कोरोना वायरस संक्रमण से किसी की मौत का मामला सामने नहीं आया है.

लेकिन बाहर से आ रहे लोगों में संक्रमण के मामले निश्चित तौर पर चीन के लिए फ़िक्र की बात है. भीतरी मंगोलिया के तटीय शहर मांझोली में भी संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए हैं. ये सभी केस भी इंपोर्टेड इंफ़ेक्शन के हैं. हालांकि इससे अधिक इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है.

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के कारण चीन ने मार्च से ही देश में विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. राजधानी बीजिंग से किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान को बदलने पर प्रतिबंध है और साथ ही बंदरगाहों और सीमाओं पर चेक प्वाइंट्स बना रखे हैं.इन सारे प्रतिबंधों और एहतियात के बावजूद चीन के जो नागरिक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से वापस मुल्क लौट रहे हैं, उनके साथ संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं. हाल के दिनों में जो नागरिक विदेशों से लौटे हैं उनमें से अधिकांश रूस से लौटे हुए हैं. शांझी में संक्रमण के जो नए मामले सामने आए हैं वे सबी चीनी नागरिक हैं जो 20 अप्रैल को मॉस्को से आए एक विमान से लौटे थे जो बीजिंग से वापस लौट गया.

प्रांत के हेल्थ कमिशन के अनुसार, शनिवार को फ़्लाइट के अधिकारियों की ओर से कोरोना वायरस पॉज़ीटिव 30 मामले और आठ बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों की पुष्टि की गई है.24 अप्रैल को चीन में कोरोना वायरस के 12 नए मामले सामने आए. इससे एक दिन पहले छह नए मामले सामने आए थे. इन 12 मामलो में से 11 बाहर से आए हुए लोग थे जबकि इससे एक दिन पहले जो नए मामले सामने आए थे उनमें दो मामले बाहर से आए लोगों में संक्रमण के थे.

12.

चीन पर शक के बावजूद यूरोप टकराना क्यों नहीं चाहता?

सिटी पोस्ट लाइव :चीन पर यकीन नहीं, फिर भी यूरोप उलझना नहीं चाहता ब्रिटेन और अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि चीन कोविड-19 से होने वाली मौतों का असली आँकड़ा नहीं बता रहा है. लेकिन इसके बावजूद सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि यूरोपीय अधिकारी चीन को सीधे तौर पर चुनौती देने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं.

अधिकारियों की यह भी चिंता है कि चीन अपनी स्थिति मज़बूत करने के लिए इस संकट की घड़ी का इस्तेमाल कर रहा है और ख़ुद पर लग रहे आरोपों से ध्यान भटका रहा है. चीन ने किसी भी तरह की कोई सूचना छिपाने से इनकार किया है और कहा है कि उसने वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में पूरी पारदर्शिता बरती है.

17 अप्रैल को वुहान में अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या में अचानक से 50 फ़ीसदी का इजाफा दिखाया. इस पर चीनी अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल के बाहर हुई मौतों को शामिल करने की वजह से मरने वालों की संख्या में यह इजाफा हुआ है. इसके साथ ही चीन ने किसी भी तरह की बात नहीं छिपाने पर ज़ोर दिया. वुहान वहीं शहर है जहाँ से कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत मानी जाती है.

ब्रिटेन और अमरीका में कई अधिकारी इसे चीन की ओर से पेश आँकड़ों की सही तस्वीर नहीं मानते और चीन की सरकार इस बात को जानती है. वे हालांकि इस पर यक़ीन नहीं करते कि चीन को निश्चित तौर पर सही आँकड़ों की जानकारी है और वो इसे छुपा रहा है.इन अधिकारियों का मानना है कि स्थानीय स्तर के अधिकारियों ने घबराहट में पूरी सच्चाई नहीं बताई है और ऊपर के अधिकारी इस समस्या को समझ रहे हैं. फॉरेन अफेयर्स सिलेक्ट कमिटी के चेयरमैन सांसद टॉम टुगेनडाट ने बीबीसी को बताया, “चीन के वास्तविक आँकड़े क्या हैं, यह जानना संभव नहीं है. लेकिन हमें यह ज़रूर पता है कि ये आँकड़े बहुत हद तक संभव है कि ग़लत हैं.”

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.