पासवान ने साफ़ कर दिया है, लिस्ट जांच होने के बाद ही बिहार के 14.5 लाख राशनकार्ड धारकों को मिल पाएगा राशन.
पासवान ने साफ़ कर दिया है, लिस्ट जांच होने के बाद ही बिहार के 14.5 लाख राशनकार्ड धारकों को मिल पाएगा राशन.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के 14.5 लाख लोगों के राशन को लेकर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि उनकी लिस्ट मिले बगैर और लिस्ट की जांच के बिना बिहार सरकार को उनके नाम पर राशन जारी नहीं किया जा सकता. केंद्रीय खाद्य, आपूर्ति औऱ उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से एनआईसी को इन 14.5 लाख लोगों में से ही नाम भेजे गए हैं. हम एनआईसी से लिस्ट का वेट कर रहे हैं. जैसे ही लिस्ट आ जाएगी, उसके बाद उन लोगों के लिए भी राशन रिलीज कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि एनएफएसए के आंकड़े मुताबिक, बिहार में राशन के कुल लाभार्थियों की तादाद 8 करोड़ 71 लाख होनी चाहिए. यानी एनएफएसए के मुताबिक, बिहार में 8 करोड़ 71 लाख लाभार्थियों का नाम लिस्ट में होना चाहिए, लेकिन, लिस्ट में 8 करोड़ 57 लाख लोगों का ही नाम है. इस तरह बिहार में 14.5 लाख के लगभग लाभार्थियों का गैप है. बिहार सरकार की तरफ से इन बचे हुए 14.5 लाख लोगों के लिए भी राशन की मांग की जा रही है. इसको लेकर बिहार सरकार के खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री मदन सहनी और केंद्रीय खाद्य औऱ उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के बीच पत्राचार भी हुआ था. लेकिन, कोई भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है.
अब रामविलास पासवान ने कहा कि अगर हम बिना लिस्ट के ही लोगों के लिए राशन जारी कर दिए और कल कोई कोर्ट में चला जाए तो हम क्या करेंगे ? अगर कोर्ट लिस्ट मांगेगा तो हम क्या कहेंगे ? पासवान ने साफ कर दिया कि हमें सारी चीजों को देखना पड़ता है.हालांकि उनकी तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत बिहार के 8 लाख लोगों के लिए राशन दिया गया है. यह 8 लाख का आंकड़ा 8 करोड़ 57 लाख लोगों के अलावा है. उन्होंने फिर दोहराया कि अगर एनआईसी की तरफ से लिस्ट फाइनल हो जाती है तो उसके बाद नियमित राशन कार्ड धारी की तहत एनआरसी से लिस्ट आने वाले लोगों के लिए 2 रूपए प्रति किलो के हिसाब से गेहूं और 3 रूपए प्रति किलो के हिसाब से चावल देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
अगले हफ्ते सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान वीडियो कॉंफ्रेंसिंग करने वाले हैं. इसमें भी बिहार के खाद्य मंत्री मदन सहनी के साथ बिहार के इन 14.5 लाख राशनकार्ड धारकों का मुद्दा उठ सकता है.हालांकि पासवान की तरफ से यह भरोसा दिलाया गया है कि बिहार समेत देश के किसी भी राज्य को अनाज की कमी नहीं होने दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस वक्त देश में 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से अगले दो महीने के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है. इसके अंतर्गत प्रवासी मजदूर 5 किलो गेंहू/चावल और एक किलो चना ले सकेंगे. दो महीने बाद परिस्थिति के हिसाब से आगे राशन देने का निर्णय लिया जाएगा.
गौरतलब है कि कोरोना के दौरान लॉकडाउन के बाद के हालात से निपटने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत देश के लगभग 80 करोड़ राशन कार्डधारी लाभार्थी को अलग से राशन देने का फैसला किया गया है. इस योजना के अंतर्गत अलग से तीन महीने तक मुफ्त में 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल देने का सरकार ने फैसला किया था. अब केंद्रीय खाद्त और उपभोक्ता मामलों के मंत्री का दावा है कि सरकार के पास राशन का भंडार है. रामविलास पासवान ने कहा, अभी सरकार के पास 690 लाख टन अनाज का भंडार है, जिसमें 270 लाख टन चावल और 419 लाख टन गेहूं है. इसके अलावा अभी हाल में हुई धान और गेहूं की खरीद के बाद आने वाला राशन अलग है,जिसे नहीं जोड़ा गया है.सरकार की तरफ से देशभर में वन नेशन वन कार्ड योजना को लागू करने की पूरी तैयारी चल रही है, जिसके तहत एक अगस्त 2020 तक 23 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड का सिस्टम लागू हो जाएगा.
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