“चुनाव विशेष” तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार पिल कर पड़े हैं पप्पू यादव को हराने में
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के कोसी इलाके के दो महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र मधेपुरा और सुपौल में लोकसभा चुनाव तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होने वाले हैं। इन दोनों संसदीय क्षेत्र के चुनाव कई मायनों में बेहद खास हो गए हैं। एक तरफ पप्पू यादव महागठबन्धन का हिस्सा नहीं बनने की स्थिति में अपनी स्व्यं की पार्टी जाप से उम्मीदवार हैं,तो दूसरी तरफ पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस के टिकट पर सुपौल से प्रत्याशी हैं। पप्पू यादव और रंजीता रंजन 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बाबजूद जीतकर सदन पहुँचे थे। पप्पू यादव ने राजद से और रंजीता रंजन ने कांग्रेस से सीट निकाली थी ।लेकिन इसबार का चुनावी फंजा बिल्कुल बदला-बदला सा है।
पप्पू यादव और रंजीता रंजन तेजस्वी के खास निशाने पर हैं,तो सूबे के मुखिया नीतीश कुमार का इनदोनों के राजनीतिक जीवन को मसलने की मंसा है ।सुपौल राजद खुलकर राजद समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश यादव के लिए रंजीता रंजन के खिलाफ जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं ।सुपौल राजद जिलाध्यक्ष सह पिपड़ा विधायक यदुवंश कुमार यादव का तो अब यह कहना है कि राजद का शीर्ष नेतृत्व भी अगर रंजीता रंजन की मदद की बात करेगा,तो सुपौल राजद रंजीता रंजन के पक्ष में नहीं जाएगा ।दरअसल रंजीता रंजन को महागठबन्धन के भीतर कांग्रेस के द्वारा टिकट दिलाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी ।तेजस्वी यादव सुपौल से राजद उम्मीदवार देने की जिद पर अड़े थे ।
उस समय की स्थिति विस्फोटक बनी हुई थी ।उसी दौरान रंजीता रंजन के बाहुबली पति पप्पू यादव ने यह मुनादी कर दी कि अगर सुपौल सीट से कोई छेड़छाड़ हुआ,तो फिर महासंग्राम होगा ।इस धमकी से सुपौल राजद खेमे में काफी बौखलाहट आ गयी और विधायक यदुवंश यादव के नेतृत्व में राजद खेमे ने रंजीता रंजन और पप्पू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ।यदुवंश यादव ने तो यहाँ तक कह दिया कि पप्पू यादव पुराने अपराधी हैं और वे किसी हद तक जा सकते हैं ।लेकिन सुपौल राजद हर तरह से सक्षम है और उनके गाँव खुर्दा में जाकर फरियाने की हैसियत रखता है ।कांग्रेस ने किसी तरह रंजीता रंजन को टिकट तो दे दिया लेकिन महागठबन्धन धर्म को त्यागकर राजद रंजीता रंजन को हराने के लिए भगीरथ कोशिश में जुटा हुआ है ।जाहिर सी बात है कि बिहार महागठबन्धन के नायक तेजस्वी यादव का इनलोगों को भरपूर आशीर्वाद प्राप्त है ।
तेजस्वी यादव लगातार कह रहे हैं कि 2014 में उनके पिता लालू प्रसाद यादव पप्पू यादव को मधेपुरा से टिकट नहीं दे रहे थे लेकिन उन्होंने काफी जिद कर के पप्पू यादव को टिकट दिलाया था ।लेकिन पप्पू यादव अहसान फरामोश निकले और राजद से बगावत कर 2015 में अपनी खुद की पार्टी जाप बना डाली ।बिहार विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव ने बीजेपी से मोटी रकम लेकर बीजेपी के पक्ष में अपने उम्मीदवार खड़े किए जिससे बीजेपी को भरपूर फायदा पहुँचे ।लेकिन पप्पू यादव महागठबन्धन का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाए और बीजेपी का भी पप्पू यादव से मोहभंग हो गया ।तेजस्वी यादव अब पप्पू यादव को देखना भी पसंद नहीं करते हैं ।तेजस्वी ने तो यहाँ तक कह डाला है कि पप्पू यादव ने उनके घर का सर्वनाश करना चाहा ।
यही वजह रही कि तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव के लिए महागठबन्धन में नो एंट्री कर दी ।एक तरफ जहाँ पप्पू यादव को राजनीतिक रूप से हासिये पर लाने के लिए तेजस्वी यादव ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है,वहीँ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार बीते 8 अप्रैल से ही मधेपुरा में अपना चुनावी आशियाना बना रखा है ।नीतीश कुमार मधेपुरा से ही चुनाव प्रचार में निकलते हैं और देर शाम मधेपुरा पहुंच जाते हैं ।जदयू एमलसी ललन सर्राफ का मधेपरा जिला मुख्यालय स्थित आवास अभी सीएम हाऊस में तब्दील है ।नीतीश कुमार भी पप्पू यादव से खार खाये हुए हैं ।नीतीश कुमार चाहते हैं कि कोसी में पप्पू यादव को पराजित कर के उनके जनाधार को छिन्न-भिन्न कर दें,जिससे पप्पू यादव के राजनीतिक जीवन के अवसान का रास्ता खुल सके ।
मधेपुरा पहले,सहरसा लोकसभा था,जहाँ से गुणानंद ठाकुर पहले सांसद चुने गए थे ।इसी सीट से ललित नारायण मिश्रा और भूपेंद्र नारायण मंडल लोकसभा पहुंचे थे ।यह भूमि समाजवादियों की रही है लेकिन अब चुनाव के सारे मानक और कसौटी बदल चुकी है ।बिना किसी बड़े उद्देश्य के अब चुनाव लड़ने का फैशन बन चुका है ।कोसी के मधेपुरा और सुपौल सीट पर चुनाव,पप्पू यादव की राजनीतिक यात्रा को खत्म करने के घृणित उद्देश्य से लड़े जा रहे हैं ।तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार दोनों,पप्पू यादव की राजनीतिक कहानी को खत्म करने सियासी जिद पर अड़े हैं ।वैसे पप्पू यादव अपनी जनता सेवा की छवि लेकर जनता से वोट मांग रहे हैं ।
कभी मोटर साईकिल,तो कभी ई रिक्सा से,कभी ट्रेक्टर से,तो कभी पाँव-पैदल,वे चुनाव प्रचार कर रहे हैं ।दिल्ली में उनका सरकारी आवास जनता सेवा सदन में तब्दील है,जहां बिहार सहित विभिन्य प्रांतों के हजारों गरीब लोग आकर ठहरते हैं और अपने बीमार परिजन का एम्स सहित अन्य अस्पतालों में ईलाज करवाते हैं ।पप्पू यादव इस काम में लोगों की मदद करते हैं ।यही नहीं ईलाज में भी गरीब मरीजों को आर्थिक मदद के साथ-साथ पप्पू यादव यहाँ ठहरने वाले लोगों के लिए मुफ्त खाने की व्यवस्था भी किये हुए हैं ।लोगों को ससम्मान सुविधा देने के लिए पप्पू यादव ने सेवा सदन में अपने आदमी रखे हुए हैं ।यही नहीं पप्पू यादव अपने संसदीय क्षेत्र के अलावे जहां भी किसी की मौत होती है,उनके घर पहुंचकर,ना केवल मातमपुर्सी में शामिल होते हैं बल्कि आर्थिक मदद भी करते हैं ।
गरीब बच्चियों की शादी में भी वे आर्थिक मदद करते हैं ।समाज में जो भी उन्हें शादी,श्राद्ध सहित अन्य मातम के मौके,अथवा उत्सव में बुलाते हैं,वे अवश्य पहुंचते हैं ।यह सारी सेवा भावना को पप्पू यादव जनता के बीच साझा कर रहे हैं ।इस बार चुनाव में पप्पू यादव आपका सेवक आपके द्वार,नारे के साथ लोगों से वोट मांग रहे हैं ।खास बात यह है कि इन्हें मुसलमानों और यादवों के साथ-साथ विभिन्य जातियों के भी वोट मिल रहे हैं ।मधेपुरा लोकसभा से पप्पू यादव के अलावे राजद से शरद यादव और जदयू से दिनेश चन्द्र यादव चुनावी मैदान में हैं ।अभी कि जो ताजा तस्वीर है,उसके मुताबिक अब इस लोकसभा चुनाव में निर्णायक वोट राजपूत और ब्राह्मण का हो गया है ।
तीनों उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से राजपूत और ब्राह्मणों को अपने पाले में लेने की जुगत कर रहे है ।इन दोनों जातियों के वोट जो उम्मीदवार ज्यादा ले जाएंगे,जीत का सेहरा,उन्हीं के सर बंधेगा ।तीनों प्रत्यासी अपने-अपने तरीके से राजपूत और ब्राह्मण के वोट को अपनी झोली में लेने के लिए दिन-रात एक किये हुए है ।सबकी निगाह अब 23 अप्रैल के दिन होने वाले मतदान और 23 मई को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है ।लेकिन आखिर में,हम यह ताल ठोंककर कहेंगे कि इस चुनाव में ,तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार दोनों मिलकर पप्पू यादव को जद से मिटाने की फिराक में हैं ।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “विशेष चुनाव विश्लेषण”
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