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“बिहार चुनाव विशेष” : बिहार महागठबंधन में राजद बना है विलेन, एनडीए की है बल्ले-बल्ले

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“बिहार चुनाव विशेष” : बिहार महागठबंधन में राजद बना है विलेन, एनडीए की है बल्ले-बल्ले

सिटी पोस्ट लाइव  : लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले जिस तरह से महागठबन्धन के स्वरूप की चर्चा हो रही थी, उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बिहार में एनडीए की ना केवल राह बेहद मुश्किलों से भरी होगी बल्कि बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों पर कांटे की टक्कर होगी। लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव की तिथि की घोषणा करने के बाद बिहार महागठबन्धन के सबसे बड़े साथी राजद की पूर्वाग्रही सोच, व्यक्ति विशेष से रंज और अदूरदर्शिता की वजह से महागठबन्धन का स्वरूप बद से बदतर और बदसूरत होता चला गया। राजद की जिद और मनमानी के सामने कांग्रेस का बैकफुट पर आ जाना, एक अति ताकतवर महागठबन्धन को कमजोर और पिद्दी बनाकर रख दिया। यही नहीं, साथ के अन्य घटक दल हमें इतनी सीटें चाहिए, तो हमें इतनी सीटें चाहिए की राजनीतिक भूख ने महागठबन्धन की मूल आत्मा को ही मार डाला।

महागठबन्धन के साथी रालोसपा को 5, हम को 3 और भीआईपी को 3 सीटें दी गईं लेकिन उनके पास चुनाव लड़ाने के लिए मजबूत उम्मीदवार ही नहीं थे। अब ये दल वाले राजद और कांग्रेस के नेता को अपने दल से उम्मीदवार बना रहे हैं। पहले महागठबन्धन काफी ताकतवर दिख रहा था। इस शक्तिशाली महागठबन्धन के नायक तेजस्वी यादव को समझा जा रहा था। लेकिन अब राजद महागठबन्धन में नायक की जगह विलेन की भूमिका में दिख रहा है। राजद की कार्यशैली से यह साफ जाहिर हो रहा है कि राजद बीजेपी सहित एनडीए के अन्य घटक दलों को जिताने की भूमिका में है। राजद ने माले को एक सीट दी है और पाटलिपुत्रा में मीसा भारती को मदद करने का माले से करार कराया है लेकिन सिवान में माले ने राजद की महिला उम्मीदवार हिना शबाब के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया है। हिना शबाब, बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हैं।

बेगुसराय से राजद ने तनवीर हसन को टिकट दे दिया है। इसका मतलब साफ है कि राजद बेगुसराय में बीजेपी के गिरिराज सिंह को जिताना चाहता है और सिवान में अपने दल की महिला प्रत्यासी हिना शबाब को हराना चाहता है। सुपौल में कांग्रेस प्रत्यासी रंजीता रंजन को हराने के लिए राजद भीतरघात के साथ-साथ बाहरघात तक कर रहा है। कोसी में जाप के संरक्षक पप्पू यादव के राजनीतिक अवसान की पटकथा लिखने के लिए राजद ने पूरी तरह से कमर कस लिया है। राजद ने ही पप्पू यादव के लिए महागठबन्धन में नो एंट्री की तख्ती लगवा दी थी। राजद के युवराज तेजस्वी यादव,पप्पू यादव को पूरी तरह से नष्ट करने को आतुर हैं।सुपौल से कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीता रंजन, पप्पू यादव की पत्नी हैं। राजद उन्हें भी पटखनी देने के लिए हर तरह की कोशिश में जुटा हुआ है। शुरुआती समय में महागठबन्धन की मजबूत ताकत को देखते हुए, राजनीतिक समीक्षक राजद के तेजस्वी यादव को नायक की जगह महानायक की संज्ञा देने लगे थे।

लेकिन जैसे-जैसे चुनाव निकट आया और चुनाव की तिथि की घोषणा हुई, वैसे-वैसे तेजस्वी यादव के राजनीतिक चरित्र में बदलाव होने लगे और आज स्थिति यह है कि तेजस्वी यादव महागठबन्धन में विलेन की भूमिका में दिख रहे हैं। बिहार की अधिकांश सीटों पर साफ-साफ दिख रहा है कि बड़ी डील हुई है। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक टिकट की बिक्री के अलावे राजद का बीजेपी के साथ कोई बड़ा और भीतरी सौदा हुआ है। अब कहीं से कोई शक और शुब्बा नहीं है कि बिहार में एनडीए बम्पर सीट हासिल करने जा रहा है। जाप के संरक्षक और मधेपरा से लोकसभा प्रत्यासी पप्पू यादव ने कहा है कि असली राजद की आत्मा को राजद के एक स्व्यंभू नेता ने मार डाला है। बिहार में राजद ने महागठबंधन को ना केवल कमजोर किया है बल्कि एनडीए को जिताने के लिए उसने गहरी साजिश की है। पप्पू यादव का सीधा इशारा राजद के युवराज तेजस्वी यादव की तरफ है। अगर महागठबन्धन में पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, अरुण कुमार और पप्पू यादव शामिल होते, तो निसन्देह महागठबन्धन काफी ताकतवर होता और एनडीए से मुकाबला बेहद कांटों का होता। लेकिन कांगेस के बैकफुट पर आकर एक बेबस और लाचार पार्टी बनकर राजद की कृपा पर महागठबन्धन का एक हिस्सा भर बने रहना, एनडीए के लिए रामवाण साबित हो रहा है। जाहिर तौर पर, बिहार में महागठबन्धन, एक तरह से एनडीए को जिताने वाला गठबंधन बन कर रह गया है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “बिहार चुनाव विश्लेषण”

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