मधेपुरा लोकसभा से महागठबंधन के उम्मीदवार शरद यादव 3 अप्रैल को करेंगे नामांकन
सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन के सूत्रधार शरद यादव 3 अप्रैल को मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करेंगे। उनके नामांकन में बिहार प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, रालोसपा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, भीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे। शरद यादव के राजद उम्मीदवार के रूप में मैदान में आ जाने से मधेपुरा लोकसभा चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है में खुशी की लहर है। राजद के टिकट पर उनकी उम्मीदवारी से मधेपुरा संसदीय क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी और उत्साह है। उक्त बातें लोजद के जिलाध्यक्ष धनिक लाल मुखिया एवं युवा लोजद अध्यक्ष धीरेंद्र यादव ने एक साझा बयान जारी करते हुए ने कहा। दोनों नेताओं ने आगे कहा है कि पिछले पांच वर्षों में मधेपुरा एवं देश की जो राजनीतिक एवं संवैधानिक क्षति हुई है, उसकी भरपाई शरद यादव लोकसभा में पहुंचकर करेंगे।
देश में व्याप्त अराजकता, आर्थिक अपातकाल, संवैधानिक संकट, समप्रदायिकता जैसी गंभीर समस्याओं को संसद में उठाकर कानून के रूप में तब्दील कर, शरद यादव देश में व्यवस्था परिवर्तन करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी एवं देश में एनडीए की सरकार को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार हमेशा परिवर्तन की धरती रही है। जब-जब बिहार ने करवट लिया है देश की सत्ता और व्यवस्था में बदलाव हुआ है। पिछले 2014 के चुनाव में बिहार की जनता ने सबसे अधिक सीटें एनडीए को दिया था पर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार जुमलेबाजी की सरकार बनकर रह गयी। देश में प्रत्येक वर्ष 02 करोड़ लोगों को रोजगार देना, आयुष्मान भारत, कौशल विकास, सभी नागरिकों के खातों में 15 लाख रूपया देना, महंगाई पर रोक लगाना, स्मार्ट सिटी बनाना,बुलेट ट्रेन चलाने जैसे सारे वादे सिर्फ जुमला साबित हो कर रह गया।
उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में बिहार की 11 करोड़ जनता नरेन्द्र मोदी के वादाखिलाफी का जबाव बटन बदाकर देगी और बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को जनता अलग से सबक सिखायेगी। नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जा,विशेष पैकेज एवं विकास के सवाल पर महागठबंधन को तोड़ा था। 2020 में नीतीश जी को भी बिहार की जनता कुर्सी से बेदखल करेगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में नई सरकार बनेगी। कुल मिलाकर इन दोनों नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव परिणाम की घोषणा कर डाली है। लेकिन पहला नतीजा 23 मई को आएगा, जिसमें यह पता चलेगा कि महागठबन्धन के दावे में कितनी सच्चाई थी। अभी जुबानी तौर पर सभी उम्मीदवार सिर्फ जीत के दावे करने में लगे हुए हैं।
सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट
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