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यादवों के गढ़ में एकबार फिर मिसा की परीक्षा, इन सीटों पर जीत के लिए तरस रहे लालू

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यादवों के गढ़ में एकबार फिर मिसा की परीक्षा, इन सीटों पर जीत के लिए तरस रहे लालू

सिटी पोस्ट लाइव : पाटलिपुत्र की सीट बिहार की हाईप्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है.इस संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. लेकिन इस सीट से चुनाव जीतने की लालू यादव की हशरत आजतक पूरी नहीं हुई है. लालू यादव को उनके मित्र रंजन यादव ने चुनाव हरा दिया तो बेटी मिसा को लालू यादव के हनुमान माने जानेवाले रामकृपाल यादव ने चुनाव हरा दिया. इसबार भी मिसा भारती पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ रही हैं. इस बार भी यह सीट लालू परिवार की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है. यहां से लालू यादव की बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती आरजेडी से चुनावी मैदान में हैं तो बीजेपी से निवर्तमान सांसद रामकृपाल यादव भी ताल ठोक रहे हैं.

यह लड़ाई इसलिए भी दिलचस्प है कि रामकृपाल एक वक्त में लालू के शिष्य और सिपाहसालार होते थे. यही नहीं रामकृपाल यादव आरजेडी के टिकट पर बिहार के विधान परिषद के सदस्य रहे. तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे और एक बार आरजेडी के टिकट पर राज्यसभा में भी जीतकर आए. हालांकि वर्ष 2014 में जब लालू यादव ने पाटलिपुत्र की सीट रामकृपाल यादव को न देकर मीसा भारती को दे दी तो रामकृपाल नाराज होकर बीजेपी का दामन थाम लिया और मीसा भारती को हरा दिया. यही वजह है कि इस बार भी पाटलिपुत्र की यह सीट लालू परिवार की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है.

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में संसदीय सीटों के नए सिरे से परिसीमीन हुए तो पटना जिले से छह विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र बना. यहां करीब 5 लाख यादव मतदाताओं के होने के बावजूद इस क्षेत्र से चुनाव लालू परिवार आजतक जीत नहीं पाया. वर्ष 2009 में लालू यादव और 2014 में उनकी बेटी मीसा भारती ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों को जीत नसीब नहीं हुई. खास बात यह भी कि उन्हें हराने वाले भी उनके परिवार के विश्वस्त और करीबी लोग रहे.

15वीं लोकसभा चुनाव के लिए वर्ष 2009 में हुए चुनाव में लालू यादव को जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव ने हराया तो 2014 में मीसा भारती को बीजेपी के रामकृपाल यादव ने शिकस्त दी. यह भी विडंबना है कि यादवों के नेता कहे जाने वाले लालू यादव भी पाटलिपुत्र में ही वोटों को समेटने में असफल हो जाते हैं.वर्ष 2014 में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को 40322 वोटों से हरा दिया. तीसरे नंबर पर रहे यहां के सिटिंग एमपी और जेपी आंदोलन में लालू के साथी रहे रंजन प्रसाद यादव. रंजन प्रसाद यादव ने 2009 के चुनाव में यहां से लालू प्रसाद को भी मात दी थी.

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,526,241 है. इनमें से पुरुष वोटरों की संख्या है 817,820 और महिला वोटरों की संख्या है 708,421. इनमें 5 लाख यादव, साढ़े चार लाख भूमिहार, 3 लाख राजपूत और कुर्मी और डेढ़ लाख ब्राह्मण मतदाता हैं. गंगा और सोन दियारा के गांवों में रहने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोग यादव हैं. बिक्रम को छोड़कर अन्य विधान सभा क्षेत्र दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी और पालीगंज में यादवों की बड़ी आबादी है. बिक्रम को भूमिहार प्रभाव वाला माना जाता है.

वोटों के गणित के लिहाज से देखें तो वर्ष 2014 में बीजेपी के रामकृपाल यादव को 383262 मत मिले थे जो कुल मतों का करीब 39 प्रतिशत है. वहीं आरजेडी चीफ लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती को 342940 जो करीब 35 प्रतिशत है. जबकि जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव को 97228 मिले थे जो करीब 10 प्रतिशत वोट हैं.

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