सिटी पोस्ट लाइव : बिजली दरों में लगातार तीसरे साल भी बिहार में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है. साथ ही कृषि सहित कुछ उपभोक्ताओं को विशेष छूट मिल सकती है.शुक्रवार को बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड (बीजीसीएल) के टैरिफ पिटिशन पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग के निर्णय के बाद ये संकेत मिले हैं. अपने निर्णय में आयोग ने 2021-22 के लिए बीजीसीएल के वाषिक राजस्व में कटौती की है. इसकी घोषणा विद्युत भवन स्थित कोर्ट रूम में संवाददाता सम्मेलन के दौरान आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने की.इस दौरान आयोग के सदस्य आरके चौधरी और सुभाष चंद्र चौरसिया भी मौजूद थे. यह आदेश एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक या आयोग के अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा.
बीजीसीएल ने 2021-22 के लिए 533.51 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व की आवश्यकता का प्रस्ताव आयोग को दिया था. आयोग ने 2019-20 के कैरिंग कॉस्ट और 89.09 करोड़ रुपये रेवेन्यू सरप्लस को समायोजित कर 452.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किये. इस राशि को आयोग ने बराबर मासिक किस्तों में करीब 37.72 करोड़ रुपये प्रतिमाह की दर से बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड से वसूली की मंजूरी दी है.
बीजीसीएल की मांग में कटौती का मुख्य कारण ऑपरेशन और मेंटेनेंस में कमी का रहना था. आयोग ने जांच में इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि दो महीने तक आयोग का अध्यक्ष पद खाली रहने और काम रुकने के बावजूद समय पर टैरिफ पिटिशन पर काम कर निर्णय लिया जा रहा है. डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के टैरिफ पिटिशन का निर्णय 31 मार्च तक आने की संभावना जाहिर की. बिजली टैरिफ बढ़ने या घटने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के टैरिफ पिटिशन पर निर्णय के दौरान होगी.
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