अब 2 अक्टूबर से बिना जमाबंदी के नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में 80 फीसदी हत्याएं जमीन विवाद में हो रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीन विवाद के निबटारे के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिया है. अब बिहार में जमीन रजिस्ट्री की नई व्यवस्था के अनुसार आगामी 2 अक्टूबर से बिना जमाबंदी यानी दाखिल खारिज के जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी. सरकार के इस कारवाई को सूबे में भूमि विवाद से जुड़े अपराधिक मामलों से जोड़कर देखा जा रहा है.
2 अक्टूबर से जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित लागू नई व्यवस्था के तहत बगैर दाखिल खारिज कराये जमीन की खरीद बिक्री नहीं की जा सकती. यानी अगर आपके पास पुश्तैनी जमीन है और उसे बेचना चाहते हैं तो उसके पहले आपको आपसी बटवारा करना होगा.उसके बाद ही जमीन की रजिस्ट्री हो पाएगी. गौरतलब है कि एक ही जमीन कई लोगों को बेंच दिए जाने की शिकायत लगातार आ रही थी. इसको लेकर हो रहे विवाद में हत्याएं हो रही थीं. अब इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद एक जमीन कई लोगों को नहीं बेची जा सकती है.
निबंधन विभाग इस नई व्यवस्था को लेकर जन-जागरूकता अभियान चलाएगा. नई व्यवस्था के लिए भूमि राजस्व विभाग रजिस्ट्री और अंचल कार्यालय को नए सॉफ्टवेयर से जोड़ने की तैयारी चल रही है. नए सॉफ्टवेयर से जानकारी मिल जाएगी की बिक्री की जाने वाली जमीन किसके नाम पर है.गौरतलब है कि खुद सीएम नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि बिहार में हो रही हत्याओं का मुख्य वजह जमीन विवाद है .हाल ही में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि पारिवारिक बंटवारे में पुश्तैनी जमीन की रजिस्ट्री पर आंशिक शुल्क लिया जाएगा.
गौरतलब है कि नीतीश राज में बिहार में जमीन की कीमत आसमान छू रही है. जो जमीन पहले कौड़ी के भाव बिक रहा था, आज उसकी कीमत करोड़ों रुपये हो गई है. जमीन की कीमत बढ़ने की वजह से जमीन विवाद को लेकर लगातार हत्याएं हो रही हैं.
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