सिटी पोस्ट लाइव डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तीन अफ्रीकी देशों के दौरे के तहत रवांडा पहुँच चुके हैं. पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा पहुँचाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. रवांडा की राजधानी किगाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का शानदार ढंग से स्वागत किया गया . पीएम मोदी दो दिनों तक रवांडा में रहेंगे. रवांडा अफ्रीका का एक ऐसा देश है जिसकी अर्थव्यवस्था काफी तेजी से आगे बढ़ रही है और ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पीएम मोदी यहां पर रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और साथ ही दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता होगी. अलावा पीएम मोदी बिजनेस और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे. पीएम मोदी इस दौरान किगाली नरसंहार स्मृति पर भी जाएंगे और भारत की तरफ से रवांडा के लोगों को श्रद्धांजलि देंगे. रवांडा में भारतीय समुदाय को काफी अच्छे से रखा जाता है. यहां पहुंचने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मेरा सौभाग्य है कि मेरे मित्र राष्ट्रपति कागमे जी के निमंत्रण पर रंवाडा आने का मुझे सौभाग्य मिला है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवंशी पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं और वे भारत के ‘राष्ट्रदूत ‘ हैं.मोदी ने कहा, ”रवांडा में भारतीय समुदाय से बातचीत करके मुझे खुशी हो रही है. राष्ट्रपति पॉल कागमे ने मुझसे कहा कि भारतीय समुदाय रवांडा के विकास में योगदान कर रहा है और वह बड़े पैमाने पर समाज सेवा करते हैं. मुझे यह सुनकर बहुत खुशी हुई.” लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा , ”वर्षों से भारतीय समुदाय रवांडा में उच्च आयोग की स्थापना चाहता था. लंबे समय से की जा रही यह मांग पूरी की जाएगी ताकी आप भारत के साथ और जुड़ सकें.
पिछले चार सालों में भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अफ़्रीकी देशों की कुल 23 यात्राएं की हैं. इस साल फ़रवरी तक भारत की निर्यात-आयात बैंक ने 40 अफ़्रीकी देशों में चल रहे प्रोजेक्टों के लिए 167 बार क़र्ज़ मंज़ूर किया है. ये रक़म दस अरब डॉलर तक है.भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि वो अफ़्रीका और भारत के बीच सालाना 52 अरब डॉलर के कारोबार को अगले पांच सालों में कम से कम तीन गुणा तक कर लेंगे. इसी उद्देश्य के लिए भारत ने इसी महीने अफ़्रीकी देशों में अपने दूतावासों की संख्या 29 से बढ़ाकर 2021 तक 47 करने का निर्णय लिया है. यानी अगले चार सालों में 18 नए मिशन स्थापित किए जाएंगे.
लेकिन अफ़्रीकी देशों में भारत के इस बढ़ते प्रभाव की तुलना जब चीन से की जाती है तो उसकी चमक फीक़ी पड़ जाती है. साल 2014 में चीन का अफ़्रीका के साथ 220 अरब डॉलर का कारोबार था लेकिन अब ये 2017 में 170 अरब डॉलर पर स्थिर है. अफ़्रीका के कुल 55 में से 54 देशों में चीन के 61 मिशन हैं. ये भारत के राजनयिक मिशनों की तुलना में दोगुने हैं.
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