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अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के संकेत, कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी शुरू

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अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के संकेत, कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी शुरू

सिटी पोस्ट लाइव : सुस्त होती अर्थ-व्यवस्था से चिंतित लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. एकबार फिर से अर्थ-व्यवस्था के पटरी पर लौटने का संकेत मिलने लगा है. सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने को लेकर किए गए उपायों का असर दिखने लगा है. कंपनियों के वित्तीय नतीजों से अर्थ व्यवस्था के पटरी पर लौटने का संकेत मिल रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल मजबूत नींव वाली कई कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है. कॉर्पोरेट टैक्स में की गई कटौती से भी कंपनियों को काफी फायदा हुआ है.

निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक के चालू वित्त वर्ष के तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर नजर डालें तो बैंक का मुनाफा 4.5% बढ़कर 1,757 करोड़ रुपये रहा है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 1,680.85 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. तीसरी तिमाही में बैंक के शुद्ध एनपीए में 2.09% की गिरावट आई है, जो अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर आने का संकेत देता है. एक्सिस बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी आमदनी दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 19,494.87 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 18,130.42 करोड़ रुपये थी.

इसी तरह बैंक का सकल एनपीए भी तीसरी तिमाही में सुधरकर 5% रहा, जो एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में 5.75% था. इंजिनियरिंग एवं कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुनाफा 15.2% बढ़कर 2,352 करोड़ रुपये रहा है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 2,041.62 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. कंपनी को यह मुनाफा बीते साल पावर ट्रांसमिशन में बड़े ठेके मिलने की वजह से हुआ है.

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2019 को समाप्त तीसरी तिमाही में 389.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही से 47.4 प्रतिशत अधिक है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी ने 264.28 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.टायर बनाने वाली कंपनी सिएट का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मामूली तौर पर बढ़कर 52.5 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी को 52.25 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि समीक्षावधि में उसकी परिचालन आय 1,761.77 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,729.75 करोड़ रुपये थी. कंपनी के प्रबंध निदेशक अनंत गोयनका ने कहा कि कारोबारी माहौल को लेकर चुनौतियों के बावजूद कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा है.

लेकिन निजी क्षेत्र के ही आरबीएल बैंक के तीसरी तिमाही के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई है. बैंक को यह नुकसान बैड लोन तथा प्रोविजनिंग के कारण उठाना पड़ा है. तीसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 69% की गिरावट के साथ 69.8% रहा. हालांकि विश्लेषकों ने बैंक को 86.4 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे की उम्मीद जताई थी. बैंक के मुनाफे में हुई इस कमी से यह संकेत मिलता है कि आम आदमी के हाथ अभी भी खाली हैं और वह अपने लोन का भुगतान करने में समर्थ नहीं है, जिसके कारण बैड लोन के साथ प्रोविजनिंग बढ़ी है.

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