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राजेंद्र नगर टर्मिनल सहित बिहार के इन चार रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

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सिटी पोस्ट लाइव : रेलवे कुछ सालों में लगातार कुछ न कुछ परिवर्तन करता आ रहा है. बात चाहे कुछ ट्रेनों के निजीकरण की या रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की. साल दर साल यात्रियों को बेहतर सुविधा और सहूलियत के लिए भारतीय रेल परिवर्तन में जुटा हुआ है. ऐसे में अब खबर ये है कि बिहार के भी चार रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में भारतीय रेल सौंपने की तैयारी में है. जिनमें पटना का राजेंद्र नगर टर्मिनल , मुजफ्फरपुर ,गया, बेगूसराय है. इन पांच रेलवे स्टेशनों के निजीकरण में बड़ी कंपनियों द्वारा प्रमुखता से दिलचस्पी भी दिखाई गई है. निजीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए रेलवे विकास निगम को जिम्मेवारी सौंप दी गई है. रेलवे का दावा है कि इससे यात्री सुविधाओं के विकास में तेजी आएगी. पहले चरण में देश के दो बड़े स्टेशन हबीबगंज व गांधीनगर स्टेशन को विकसित करने के लिए निजी हाथों में सौंपा गया है.

जानकारी अनुसार यदि रेलवे स्टेशनों का जिम्मा निजी हाथों में जाता है इन्हें स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. हालांकि ट्रेन परिचालन और टिकट बुकिंग की जिम्मेवारी निजी हाथों में नहीं सौंपी जाएगी. निजीकरण के तहत ट्रेनों की धुलाई, स्टेशन का रखरखाव की जवाबदेही दी जाएगी. स्टेशन परिसर के पार्किंग, सफाई, ट्रेनों में पानी भरना स्टेशन को रोशन करना और परिसर में विज्ञापन लगाने, प्लेटफार्म पर फूड स्टॉल लगाने से काम निजी कंपनियों को दिया जाएगा.

कुल मिलाकर उन्हें स्टेशन पर यात्री सुविधाएं एयरपोर्ट की तरह ही उपलब्ध करानी होगी. रेलवे के अधिकारी के मुताबिक निजी कंपनियों को पंखा से लेकर एसी मेंटेनेंस की पूरी जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. अलग-अलग स्टेशनों के लिए विशेष नियम और शर्त तब तय किए जाएंगे जब स्टेशन के निजीकरण का संबंधित टेंडर निकल जाएगा. रेलवे अधिकारियों की मानें तो कुछ स्टेशनों की खाली पड़ी जमीन पर शॉपिंग मॉल भी बनाने की बात चल रही है क्योंकि खाली पड़ी जमीन से फिलहाल कोई राजस्व नहीं आ रहा है.

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