पटना में जिंदा मछली की बिक्री से हटी पाबन्दी, स्वास्थ्य विभाग ने लिया फैसला
सिटी पोस्ट लाइव : मछली खाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है. बिहार सरकार ने जिंदा मछलियों की बिक्री और भंडारण पर लगी पाबन्दी को हटा लिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा है कि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. इसके अनुसार बिहार में जिंदा मछलियों की बिक्री, परिवहन और भंडारण पर लगे रोक को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है. यह फैसला मछली कारोबारियों के बढ़ते रोष को देखते हुए लिया गया है.
गौरतलब है कि बिहार में बाहर से आने वाली मछली, खासकर आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मछलियों में हानिकारक केमिकल फोर्मलिन पाए जाने के बाद पटना नगर निगम एरिया में इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. इन मछलियों की वजह से कैंसर का खतरा उत्पन्न हो रहा था. इसे कंफर्म करने के लिए पटना में कई सैंपल लेकर इसे लैब टेस्टिंग के लिए भेजा गया था. मिली रिपोर्ट के आधार पर 14 जनवरी से 15 दिनों के लिए पटना निगम एरिया में इनकी बिक्री को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया था.
लेकिन मछलियों की बिक्री पर रोक को लेकर व्यापारी काफी आक्रोशित थे. यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा था. व्यापारी इस फैसले के विरोध में सड़क पर उतर गए थे. 17 जनवरी से आंदोलन की चेतावनी तक दे दी थी. इस मामले में आज एक कार्यक्रम में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज शाम तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस मामले में फैसला ले लेने का आश्वासन दिया था.दरअसल, मामला यह है कि आंध्र प्रदेश से बिहार आने वाली मछलियों में केमिकल फार्मेलिन पाया गया है. केमिकल फार्मेलिन का इस्तेमाल मछलियों को अधिक दिनों तक प्रीजर्व रखने के लिए किया जा रहा है आंध्र प्रदेश के कारोबारियों द्वारा. होता यह है कि आंध्र प्रदेश से बिहार में मछलियों को लाने में सड़क मार्ग से कई दिन लग जाते हैं. ऐसे में, इसे प्रीजर्व रखने को केमिकल फार्मेलिन का प्रयोग किया जा रहा था.
बिहार सरकार को मछली में केमिकल फार्मेलिन के प्रयोग की शिकायतें मिली थीं. यह फार्मेलिन हमारे – आपके भीतर कैंसर रोग की संभावनाओं को जन्म देता है. जानकारी के बाद नवंबर में फार्मेलिन के माध्यम प्रीजर्व कर आंध्र प्रदेश से बिहार लाई जा रही मछलियों को लैब टेस्टिंग के लिए कोलकाता और सीएफआरआई की कोचीन लैबोरेटरी में भेजा गया. लैब टेस्टिंग की मिली रिपोर्ट में शिकायतें सही पाई गईं हैं.इसी के बाद से मछलियों की बिक्री पर पाबन्दी लगा दी गई थी.
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