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नेपाल में भारत के बड़े नोट हुए बन्द : पर्यटक, नागरिक सहित नेपाली व्यापारियों पर टूटा कहर

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नेपाल में भारत के बड़े नोट हुए बन्द, पर्यटक, नागरिक सहित नेपाली व्यापारियों पर टूटा कहर

सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : नेपाल में दो हजार, पांच सौ और दो सौ रुपए के नए भारतीय नोटों को अवैध घोषित कर दिया गया है। 8 नवंबर 2016 की शाम को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने का एलान किया था।इसके लगभग दो साल बाद नेपाल में नोटबंदी के बाद आए नए नोटों को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। इससे नेपाल के सालाना व्यापार पर भी असर दिखेगा। बड़ी बात यह है कि बिहार सहित हिंदुस्तान के विभिन्य प्रांतों के लोग घूमने-फिरने और पर्यटन के लिहाज से हजारों की संख्यां में नेपाल जाते रहे हैं। नेपाल की कुल आबादी का अधिक हिस्सा मधेसियों का है जिनसे खासकर बिहारियों का बेटी-रोटी का रिश्ता है। भारतीय लोगों का न्यू ईयर में पहला च्वाईस नेपाल घूमना होता है। यही नहीं आखों के ईलाज के लिए भी भारतीय लोगों की पहली पसंद नेपाल के धरान, लहान और विराटनगर होता है। लेकिन अचानक बड़े नोट के नहीं इस्तेमाल होने के नेपाली सरकार के फरमान से लोगों की परेशानी बेहद बढ़ गयी है।

नेपाल में दो हजार, पांच सौ और दो सौ के भारतीय नये नोट को अवैध घोषित कर दिया गया है। जिसका असर भारत ही नही नेपाल के व्यापार पर भी पूरी तरह से पड़ने लगा है। पर्यटन के लिहाज से देखें तो भारतीय लोगों का न्यू ईयर में पहला च्वाईस नेपाल होता है। इसके बाद भी हिंदुस्तानी लगातार नेपाल जाना पसंद करते हैं। खासकर बिहार में शराबबंदी के बाद बिहारियों ने नेपाली इलाके को अपना घर ही बना लिया था। वैसे नेपाल से गहरे रिश्ते और भारतीय भाषाओं की समझ के कारण ज्यादातर लोग नेपाल की ओर रुख करते हैं। नेपाल के सीमावर्ती ईलाके में बसे भारतीय लोग अपनी रोजमर्रा की जरुरत भी नेपाल से ही पूरी करते हैं। ऐसे में नेपाल में भारतीय रुपये को अवैध घोषित कर देने के बाद ये भारतीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है।सस्ते ईलाज के लिए भी भारतीय लोग नेपाल का रुख करते हैं। नेपाल का विराटनगर,लहान और धरान आंखों सहित विभिन्य मर्ज के ईलाज के लिए खासकर बिहारी मरीजों के लिए पहली पसंद है।

बड़े नोट का इस्तेमाल नहीं होने से जहां पर्यटक कोई बड़ी खरीददारी नहीं कर पा रहे हैं, वहीँ बड़े नोट के इस्तेमाल नहीं होने की वजह से मरीज बिना ईलाज के ही लौट रहे हैं। दरअसल नेपाल सरकार की कैबिनेट में इसका फैसला बीते सोमवार को ही ले लिया गया था लेकिन ये सूचना गुरुवार को लोगो के सामने आयी। जाहिर तौर पर लोगों को सही समय पर जानकारी नहीं हो सकी। अभी भी अधिकतर लोगों को यह जानकारी नहीं है कि नेपाल में हिंदुस्तानी बड़े नोट का इस्तेमाल बन्द हो गया है। दरअसल दो हजार,पांच सौ और दो सौ रुपए के भारतीय नोट को रखना, उनके बदले किसी सामान को लेना या भारत से उन्हें नेपाल में लाना गैर कानूनी हो गया है। कुछ दिन पहले ही भारतीय मुद्रा नेपाल में आसानी से चलती थी लेकिन इसकी शुरुआत भारतीय नोटबंदी की वजह से शुरु हुई है।

दरअसल भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल के कई लोगों के पास अब भी भारत के पुराने हज़ार और पांच सौ के थोक में नोट हैं, जिन्हें वापस नहीं लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक कई करोड़ पुराने हिंदुस्तानी रुपए नेपाल में पड़े हैं, जो बदले नहीं जा सके हैं। वे सारे नोट अब कागज के टुकड़े की तरह हैं। इसी वजह से नेपाल सरकार ने हिंदुस्तान सरकार को सबक देने की नीयत से यह कदम उठाया है। नेपाल के जनकपुर यात्रा के दौरान नेपाल सरकार ने अपनी इस समस्या से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया था। लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नही हो सकी। यही वजह है कि नेपाल सरकार ने भारत के नए नोटों को अवैध घोषित करने का फैसला लिया है।

बड़े नोटों के साथ कई हिंदुस्तानी और नेपालियों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। यह समय बेहद नाजुक बना हुआ है। भारत सरकार को तुरन्त इस दिशा में उचित कदम उठाने की जरूरत है। नरेंद्र मोदी के शासन काल में नेपाल से हिंदुस्तान के काफी मधुर संबंध बने हैं। चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत को नेपाल से हमेशा मधुर संबंध बनाकर रखने की जरूरत है। वैसे नेपाल की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है। ज्यादातर भारतीय पर्यटक ही नेपाल जाते हैं। सबसे अहम है कि बिहारी लड़के और लड़कियों की थोक में शादी नेपाल में होती है। नेपाल से हमारा गहरा संबंध है। केंद्र सरकार को बिना देरी किये नेपाल सरकार से वार्ता कर इस बड़ी समस्या का समाधान कर लेना चाहिए। अगर जल्द इस समस्या का निपटारा नहीं हुआ, तो नेपाल से हिंदुस्तान के रिश्ते में भी खटास आने की पूरी आशंका है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप से सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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