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अभिनंदन की वापसी में देश के सूरमाओं सहित मीडिया ने भुलाया अन्य वीर शहीद सपूतों को

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अभिनंदन की वापसी में देश के सूरमाओं सहित मीडिया ने भुलाया अन्य वीर शहीद सपूतों को

सिटी पोस्ट लाइव “विशेष : हम बेहद आहत और एक नई परिपाटी की शुरुआत से खासा चिंतित भी हैं ।मीडिया आज संक्रमणकाल से गुजर रहा है। जिस समाचार में भरपूर मसाला ना हो और रूह तक सरगोशी करने वाला रोमांच ना हो मीडिया आपको वैसी खबर अमूमन नहीं दिखाएगी। कल पूरा दिन देश की अवाम के साथ-साथ टकटकी लगाकर मीडिया अभिनंदन की वापसी को कवर करने बाघा बार्डर पर कैमरों की मंडी सजाए हुए था। चंद सेकंड के लिए भी कैमरा दूसरी ओर घुमाकर जम्मू कश्मीर के बड़गाम में एमआई-17 हेलीकाॅप्टर क्रैश में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ और झज्जर के शहीद जवान विक्रांत सहरावत का अंतिम संस्कार देश को नहीं दिखाया। इसे हम खबरिया न्यूज चैनलों का जघन्य अपराध मानते हैं। सही मायने में इस अपराध का सहभागी पूरा देश है। विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी निसंदेह महत्वपूर्ण खबर थी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इन शहीदों का कोई मोल नहीं?

आपको यह बताना बेहद जरूरी है कि सिद्धार्थ वशिष्ठ 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान रेस्क्यू अभियान के हीरो थे।
परिवार का लगातार हौसला बढ़ाने का काम कर रहे दिवंगत शहीद सिद्धार्थ के पिता भी अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने ही अपने 31 साल के बेटे को मुखाग्नि दी ।पिता पी.एन.बी बैंक से रिटायर्ड हैं। शव यात्रा के घर से निकलने से पहले शहीद की पत्नी आरती सिंह पति की पार्थिव देह से लिपट गई ।उन्होंने वीर शहीद को कंधा दिया। सेना की वर्दी में रही आरती तिरंगे को सीने से चिपकाकर अपने वीर पति को अंतिम विदाई दी। घर के हर कोने से एक ही आवाज आ रही थी, हमारा बनी कहां चला गया…। शहीद सिद्धार्थ का निक नेम बनी था ।वैसे उनके गृह नगर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद सिद्धार्थ वशिष्ठ के अंतिम संस्कार में उनकी पत्नी आरती, मिलिट्री ऑफिसर, स्थानीय नेता और क्षेत्रीय लोग मौजूद थे। इस मौके पर आरती सिंह अपने आंसुओं को रोकती नजर आईं। वायुसेना ने वायुसेना अधिकारियों,नागरिक प्रशासन और बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में शहीद को गन सैल्यूट दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में आम लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं दूसरी तरफ देश के दूसरे हिस्से झज्जर में इसी हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए विक्रांत सहरावत को भी अंतिम विदाई दी गई। वीरांगना सुमन ने क्रैश में मारे गए अपने पति के शव पर चूड़ियां उतारी और फिर डेढ़ साल के बेटे के साथ सैल्यूट करके उन्हें अंतिम विदाई दी। विक्रांत सेहरावत का अंतिम संस्कार हरियाणा के झज्जर जिले के बधानी गांव में किया गया।

इस दौरान मौजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सेहरावत को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सरकार मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी ।इस हादसे में वायुसेना के 6 ऑफिसर और एक नागरिक की जान चली गई थी। विक्रांत की माँ कांता कल से बदहवास हैं लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। देश दोनों वीर शहीदों को नमन करता है। यही नहीं जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में बीते कल यानि शुक्रवार को ही आतंकी मुठभेड़ मेब 2 सीआरपीएफ के जवान और दो स्थानीय पुलिस के जवान आतंकियों की गोली से शहीद हो गए।

इस शहादत में बिहार के बेगूसराय के रहने वाले सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर पिंटू कुमार सिंह भी शहीद हुए हैं। लेकिन इनकी शहादत पर ना तो देश खुलकर रोया और ना ही मीडिया ने इस खबर को कोई तवज्जो दिया। किसी चैनल ने इन शहीदों को नहीं दिखाया। वीर विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने भारत को सौंप दिया है। हमारे जांबाज विंग कमांडर सकुशल बाघा बॉर्डर से स्वदेश आ गए हैं। हम इस ऐतिहासिक खबर से बेहद खुश हैं। जाहिर तौर पर पूरा देश खुश है। खुशी में लोगों ने जश्न भी मना रहे हैं। लेकिन हम तमाम शहीदों की शहादत से मर्माहत हैं और उन्हें अमर श्रद्धांजलि देते हैं। खबरिया चैनल को अपनी इस काली छवि के साथ अपने अपराध के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। हम शहीद को बांटने की कोशिश ना करें। हर शहादत अनमोल और दिल को छलनी करने वाला होता है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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