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कोसी प्रमंडलीय पिछड़ा और अतिपिछड़ा सम्मेलन : जाति का गहरा विष बो गए नीतीश कुमार

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कोसी प्रमंडलीय पिछड़ा और अतिपिछड़ा सम्मेलन : जाति का गहरा विष बो गए नीतीश कुमार

सिटी पोस्ट लाइव, समाचार विश्लेषण : बीते कल 21 नवम्बर को सहरसा के पटेल मैदान में सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने जातीय उन्माद से भरे ना केवल भाषण दिए बल्कि इस इलाके में जाति का मजबूती से विष भी बो गए। इस सम्मेलन में नीतीश कुमार के भाषण के बीच में ही युवाओं ने सहरसा में एम्स निर्माण हो इसके लिए काले झंडे लहराने लगे। आलम यह रहा कि नीतीश कुमार के भाषण समाप्ति तक युवा काले झंडे लहराते रहे लेकिन सहरसा पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई। नीतीश कुमार ने काले झंडे दिखाने वालों से कहा कि मर्यादा का उलंघन करने वालों को कुछ भी नहीं मिलने वाला है। अन्य भाषणों की अपेक्षा नीतीश कुमार के तेवर कल बेहद तल्ख थे। उन्होंने अपने भाषण में पिछड़े और अति पिछड़े समाज को संबोधित करते हुए कहा कि आपके समाज के लिए हमने बहुत कुछ किया है और आगे भी असीमित करेंगे। आप किसी के पीछे नहीं जाएं। आप आगे बढ़ें, जिससे अन्य लोग आपके पीछे आएं। नीतीश की यह शब्दावली यह जाहिर कर रही थी कि वे इस समाज को अन्य समाज से ना केवल आगे ले जाना चाहते हैं बल्कि अन्य समाज को इस समाज की चाकरी कराना चाहते हैं।

जाहिर सी बात है कि आगे 2019 में लोकसभा चुनाव है और नेताओं के भाषण में बहुत तरह की बातें सुनने को मिलेगी। लेकिन नीतीश कुमार ने सामाजिक व्यवस्था और संविधान के समानता के अधिकार को ललकारते हुए अमर्यादित तरीके से जनता को संबोधित किया, जो किसी भी लिहाज से लोकतंत्र के हितार्थ साबित नहीं होगा। बताना लाजिमी है कि 20 नवम्बर को नीतीश कुमार का दरभंगा में कार्यक्रम था। वे सड़क मार्ग से 20 नवम्बर की देर शाम सुपौल परिसदन पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने भोजनोपरांत रात्रि विश्राम किया था। दिन के ग्यारह बजे वे सुपौल से सहरसा के लिए सड़क मार्ग से ही प्रस्थान किये थे लेकिन सुपौल के लोहिया चौक पर पहले से लामबंद राजद कार्यकर्ताओं ने एम्स निर्माण की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। राजद कार्यकर्ता सुरक्षा घेरा तोड़कर नीतीश कुमार को करीब से एम्स निर्माण की बात कहना चाहते थे। यह बात सुपौल पुलिस को नागवार गुजरी और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

राजद कार्यकर्ताओं को पुलिस वालों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस पिटाई में पत्रकारों पर भी पुलिस ने लाठियाँ बरसाई। इस भगदड़ और लाठीचार्ज में कई राजद कार्यकर्ता और पत्रकार जख्मी हुए। तबतक मुख्यमंत्री का काफिला निकल गया लेकिन राजद कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ता गया। लिहाजा आक्रोशित राजद कार्यकर्ताओं ने सुपौल की सड़कों पर और दुकानों में जमकर उत्पात मचाये। कई दुकानों सहित दो दर्जन से अधिक गाड़ियों को राजद कार्यकर्ताओं ने निशाना बनाया और जमकर तोड़फोड़ की। नीतीश सुपौल में हुए इस स्वागत से खफा होकर सहरसा पहुँचे थे। पहले तो नीतीश कुमार सहरसा परिसदन में बैठकर सहरसा पटेल मैदान में उपस्थित भीड़ का जायजा लेते रहे। और फिर कार्यक्रम स्थल पर नीयत समय से दो घण्टा विलम्ब से पहुँचे। नीतीश के मंच पर पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत हुआ। पहले कई मंत्री और नेताओं का भाषण हुआ, फिर नीतीश कुमार की बारी आई।

नीतीश ने भाषण की शुरुआत में ही पिछड़े और अति पिछड़े के लिए सरकार के द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं की गिनती सुनाई। उन्होंने कहा छत्राओं के लिए होस्टल बनवाये और बच्चियों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। आज नौ लाख बच्चियां हाई स्कूल में पढ़ रही हैं। उन्होंने इस तबके को मजबूत बनाने के भगीरथ प्रयास किये हैं जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली है। आज पिछड़ों की ताकत बढ़ी है। अब उनको नजरअंदाज करना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि बिहार से लालटेन युग खत्म हो चुका है।आज घर-घर बिजली पहुंच चुकी है। किसानों को अलग से बिजली उपलब्ध कराने के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की जा रही है। नीतीश अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिना ही रहे थे कि इसी दौरान एम्स निर्माण को लेकर जाप के कार्यकर्ताओं और NSUI के कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार को काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। मुख्यमंत्री इस नजारे से बिफर पड़े और उनके भाषण के तेवर बेहद कठोर और तल्ख हो गए।

उन्होंने पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज का आह्वान करते हुए कहा कि आप मजबूती से आगे बढ़े। आज आपको जिनके पीछे घूमना पड़ता है, कल वे आपके पीछे घूमेंगे। नीतीश कुमार का चेहरा तमतमाया हुआ था। उन्होंने काला झंडा दिखाने वालों से साफ कहा कि इस तरीके से कुछ भी नहीं मिलने वाला है। यह सम्मेलन सहरसा जिलाध्यक्ष चंद्रदेव मुखिया की अध्यक्षता और संचालन में चला जिसमें मंत्री विजेंद्र यादव, मंत्री दिनेश चंद्र यादव, मंत्री रमेश ऋषिदेव, विधायक नरेंद्र नारायण यादव, विधायक रत्नेश सादा, विधायक निरंजन मेहता, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव और विधायिका वीणा भारती ने भी जनता को संबोधित किया। नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम पूरी तरह से चुनावी था, जिसमें 2019 में पिछड़े और अति पिछड़ों के वोट को समेटने का लोभ साफ झलक रहा था। कुल मिलाकर कल का दिन नीतीश कुमार के लिए बेहद खराब और काला दिन था। मिली जानकारी के मुताबिक प्रमंडलीय अधिकारी सहित सुपौल और सहरसा के पुलिस और प्रशासन के सभी वरीय अधिकारियों को नीतीश कुमार ने जमकर फटकार लगाई है। आखिर में हम इस कार्यक्रम को लेकर जरूर कहेंगे कि पिछड़े और अति पिछड़े के नाम पर नीतीश कुमार सहरसा में जाति का विष बो कर गए हैं। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे कार्यक्रम कहीं से भी शुभ संकेत देने वाले नहीं हो सकते हैं।

 

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का समाचार विश्लेषण

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